नईदुनिया प्रतिनिधि, रीवा: रीवा में पुलिस को देखते ही घबराकर एक युवक ने पुल से नदी में छलांग लगा दी। नदी में पत्थर पर गिरने के कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। युवक पर 3 हजार रुपये का इनाम घोषित था, जिसकी तलाश पुलिस कर रही थी।
परिजनों ने पुलिस पर युवक को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि लड़का नाबालिग था, आधार कार्ड में उसकी जन्मतिथि 2008 लिखी हुई है जबकि पुलिस लड़के को बालिग बता रही है। लड़के की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया।
रिश्ते के भाई प्रवीण मल्लाह ने बताया कि भाई रोहित केवट घर से मछली पकड़ने निकला था। दूसरा भाई गोलू केवट भी उसके साथ था। आरक्षक ने उसका पीछा किया, जिससे वह घबरा कर भागने लगा और निपनिया पुल से नदी में छलांग लगा दी। नदी में गिरने के बाद भी युवक जिंदा था, उसने घायल अवस्था में मदद की गुहार भी लगाई।
भाई का आरोप है कि पुलिस वालों ने उसकी मदद नहीं की। दूसरे भाई गोलू ने वहां पहुंचकर उसे उठाया। उसे ज्यादा चोट नहीं आई थी, घायल तो जरूर था, लेकिन जिंदा था।
परिजनों ने बताया कि एक दिन पुलिस वाले घर आए थे और रोहित के बारे में पूछा था। कारण पूछने पर जवाब दिया था कि उसकी पेशी है, उसके नाम से वारंट कटा है। तब उसे लेकर थाने आने की बात कही थी और 1-2 दिन का समय मांगा था, लेकिन आज पुलिस ने उसे दौड़ा लिया।
पिता सुरेश केवट ने बताया कि मेरा बेटा काफी समय से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। पुलिस उसका बार-बार पीछा कर रही थी। घटना के समय मैं मजदूरी करने के लिए सतना गया हुआ था, लेकिन जैसे ही जानकारी मिली की बेटे की जान खतरे में है तो मैं उल्टे पाव भागकर आ गया। अब बेटा तो रहा नहीं, मुझे भी मार दिया जाए। मैं भी नहीं जीना चाहता। उसके खिलाफ कुछ मुकदमे कायम किए थे। उसका मतलब यह तो नहीं की उसकी जान ही ले ली जाए।
मामले में कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद सिंह राठौर ने बताया कि आरोपी बालिग था। उसके खिलाफ 5 मुकदमे दर्ज थे। अलग-अलग थाने में मारपीट और चोरी के मामले में आरोपी था। पुलिस उसका पीछा नहीं कर रही थी। पुलिस उस इलाके में पैलेस वालों को कल होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित करने गई थी। पुलिस को देखकर वो खुद ही समझ बैठा कि मुझे गिरफ्तार करने आए हैं।
पूरे मामले में युवक के बालिग और नाबालिग होने को लेकर सस्पेंस है। पुलिस का दावा है कि लड़का बालिग था, वहीं दूसरी तरफ परिजन उसका आधार कार्ड दिखा रहे हैं, जिसमें उसकी उम्र 2008 दर्ज है, जिसके अनुसार वह अभी 16 साल का था। परिजनों का कहना है कि एक नाबालिग को जरूरत से ज्यादा मानसिक प्रेशर दिया गया, इसी वजह से उसकी जान चली गई।
उक्त युवक की उपचार के दौरान मौत हुई है। परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप की जांच कराई जाएगी। जांच के लिए टीम का गठन कर दिया गया है।
विवेक सिंह पुलिस, अधीक्षक, रीवा