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फोटो- 18 कलेक्ट्रेट के सामने धरना सभा के दौरान मौजूद लोग।
19 शहर में रैली निकालते हुए आदिवासी समाज के लोग।
20- कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारी व आदिवासी समाज के लोग।
21 कार्यक्रम के दौरान मंचासीन अतिथी।
22- कोलदहका नृत्य की प्रस्तुति देते कलाकार।
23,24 कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुती देते आदिवासी महिला पुरूष।
शिक्षा और एकजुटता से ही आदिवासी समाज बढ़ेगा आगे
आदिवासी दिवस पर हुआ कार्यक्रम
रीवा। नईदुनिया प्रतिनिधि
आजादी के 70 वर्ष बाद भी कोल आदिवासी वर्ग आज पिछड़ेपन का दंश झेल रहा है और इसके लिए कहीं न कहीं हम सभी जिम्मेदार हैं। यह बातें शुक्रवार को कृष्णा राजकपूर आडिटोरियम में आयोजित हुए विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक रामगरीब वनवासी ने कही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज तभी आगे बढ़ेगा जब वह शिक्षा से स्वयं और अपने बच्चों को जोड़ने का काम करेगा। शिक्षा से ही जागरूकता आएगी और अपने अधिकारों के लिए आदिवासी समाज के लोग जागरूक होंगे। उन्होंने कहा कि एसटी-एससी वर्ग के लिए लागू आरक्षण में छेड़छाड़ किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन इसका पुरजोर विरोध होगा और आदिवासी वर्ग एकजुट होकर इसका विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा और आदिवासियों की संस्कृत अपने आप में उनकी एक पहचान के रूप में उभरकर सामने आए इसके लिए समाज के लोग काम करें। पढ़ाई के साथ-साथ आदिवासी संस्कृत को समाज के सामने परोसे इससे निश्चित तौर पर अपनी पहचान आगे बढेगी। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने एक स्वर में आवाज उठाते हुए कही अब समय आ गया है कि आदिवासी वर्ग अलग-अलग वर्गो में विभक्त होने की बजाय एकजुट हो। उन्होंने ने बताया कि कोल, गोड़, रावत सहित अन्य आदिवासी वर्ग से जुड़े लोग एक मंच पर आकर काम करें। इससे संगठन मजबूत होगा और आदिवासी वर्ग पूरी ताकत के साथ अपने अधिकार की लड़ाई लड़ सकेगा। कार्यक्रम के दौरान हेमंत बाधिवा, अजीत मार्को, यूपी सिंह गोड़, जगदीश गोटिया, शिवशरण कोल, रावेन्द्र कोल, शत्रुधन साहू सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
दी रंगारंग प्रस्तुति
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज के लोगों ने उसे उत्सव के रूप में मनाया और कार्यक्रम के दौरान जहां आदिवासी संस्कृत पर आधारित कोलदहका नृत्य सहित अन्य कार्यक्रमों की प्रस्तुति दिए। तो वहीं अपने पारम्परिक वेषभूषा में आदिवासी समाज के कलाकार आडिटोरियम हाल में जैसे ही अपनी प्रस्तुति दिए उपस्थित दर्शक दीर्घा ने तालिया बजाकर उनकी कला को प्रोत्साहित किया। यह कार्यक्रम पूरी तरह से आदिवासी संस्कृत पर आधारित रहा। तो वहीं कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने आदिवासी समाज के अच्छे अंक पाने वाले बालक-बालिका के छात्रों के साथ-साथ कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को भी पुरस्कृत करके उनका उत्साह बढ़ाया है।
शहर में निकाली रैली
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शहर में एक रैली भी निकाली गई। जिसमें आदिवासी वर्ग के लोगो के साथ ही शहर के गण मान्य जनो ने हिस्सा लिया। रैली को रीवा कमिश्नर अशोक कुमार भार्गव ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। यह रैली शहर का भ्रमण करने के बाद कार्यक्रम स्थल कृष्णा राजकपूर आडिटोरियम में समाप्त हुई। कार्यक्रम के दौरान कमिश्नर सहित अन्य अतिथियों ने आदिवासी वर्ग के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओ की जानकारी भी दी गई ।
कलेक्ट्रेट के सामने धरना
अदिवासी दिवस पर जन सम्मान पाट्री ने कलेक्ट्रेट के सामने धरना सभा करके आदिवासीयों की समस्या को लेकर आवाज उठाई है। उन्होने कहां कि आदिवासियों की वर्षो से चली आ रही भू-अधिकार सहित अन्य समस्याओं को लेकर आवाज उठाई जा रही हैं लेकिन आज तक उनकी मांगों को पूरा नही किया गया है। यही वजह है कि आदिवासी वर्ग आज भी पिछड़ेपन का दंश झेल रहा है।
डभौरा के छिपिया मे हुआ आदिवासी सम्मेलन
विश्व आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त को छिपिया मे विशाल आदिवासी सम्मेलन हुआ अलग- अलग संस्कृकितक के साथ आज विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है समाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सिया दुलारी ने कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आदिवासी समाज संगठित हो, अपने आधिकार कि लडाई लडे, अपने मांग को सरकार के सामने रखे। राजमणि कुशवाहा विरसा मुण्डा किनका माझी जैसे वरिष्ठ आदिवासी पुरुषो का जिक्र किया। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन लाल आदिवासी ने कहा कोल जाति अपने जाति को नेता नही मानता। अपने समाज मे एकता नही बनाता। 4 हजार आदिवासीयो को चरमाई भूमि का पट्टा मिला हैं। कब्जा नही मिला है। इसी तरह नष्टिगंवा एवं गोन्ता मे बसे आदिवासीयो को अभी तक उनका हक नही मिल पाया है। सामाजिक कार्यकर्ता उषा सिंह यादव ने विश्व आदिवासी दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब तक आप संगठिन नही होगे शिक्षित नही होगे तब तक आप पीछे रहेगे। कार्यक्रम के दौरान रेवाचल दलित सेवा संस्थान की अध्यक्ष सिया दुलारी आदिवासी, सचिव रामनरेश यादव पूर्व सरपंच कल्यानपुर, मुरली कोल पूर्व जिला पंचायत सदस्य, झंडी लाल, राजमणि कुशवाहा, कोदू लाल, मोहन लाल, भोला रजक, डभौरा अर्जुन ंिसंह, पवन आदिवासी, मुन्नी देवी, हिदेश, धर्मेन्द सिंह, राम नरेश आदिवासी, रामकेैलाश आदिवासी, रमाशंकर प्रजापति आदि लोग मौजूद रहे।