Singrauli News : नई दुनिया प्रतिनिधि, सिंगरौली। अंधेर नगरी चौपट राजा कहावत जिले में चरितार्थ होती नजर आ रही है। एक ओर जहां पूरा देश स्वच्छता को लेकर सजग है वहीं नगर पालिक कई करोड़ खर्च कर कचरे की संग्रहण की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को सौंप रखी है। जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण महीने में करोड़ों की राशि डकार रही है।
एनजीटी के सख्त निर्देशों के बावजूद सिंगरौली जिले में जैव चिकित्सकीय कचरे यानी बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण का उचित बंदोबस्त नहीं किया गया है। जिला अस्पताल और निजी चिकित्सालयों भी मनमाने तरीके से खुले में इस खतरनाक कचरे को फेंक रहे हैं, जिससे बीमारियों के फैलने की आशंका है। शहर के कचरे को खुले मैदान में डंप किया जा रहा है।
विओ: ऐसी लापरवाही सामने आई है,जिसके कारण शहर के लाखों लोग परेशान हो रहे हैं, और उनका सांस लेना भी मुश्किल हो गया है । वर्ष 2019-2020 में बलियरी इलाके में एक प्लांट स्थापित किया गया था, जिसमें शहर के कचरे को रिसाइक्लिंग कर खाद बनाना था, और इसकी जिम्मेदारी सिटाडेल आइएसडब्ल्यूएम प्रोजेक्ट सिंगरौली प्राइवेट लिमिटेड को दी गई।
ठेकेदार मनमाने तरीके से शहर के कचरे को शहर से 1 किलोमीटर दूरी पर ही बलियरी में खुले मैदान में डंप कर कचरे का पहाड़ खड़ा कर दिया, इसके साथ ही अस्पतालों से निकलने वाला मेडिकल बेस्ट भी कचरे के साथ खुले मैदान में डंप कर दिया गया है । इससे न केवल बीमारियां फैलती है बल्कि जल, थल एवं वायु सभी दूषित होते हैं,और आस पास के स्थानीय लोगों को भी इसके दुर्गंध से सांस लेने में मुश्किल हो रहा है।
मुझे इस की जानकारी नही है मै अभी स्वक्षता इंस्पेक्टर तिवारी को भेज कर जानकारी मांगता हु फिर उचित कार्यवाही करता हूं।
सत्यम मिश्रा, स्वक्षता प्रभारी एवं उपाउक्त, नगर पालिक निगम सिंगरौली