MP News: मुआवजे का लालच, जहां हुआ हाईवे के लिए सर्वे... दो महीने में वहां खड़े हो गए 3 हजार घर
मप्र को उप्र से जोड़ने वाले सिंगरौली-प्रयागराज नेशनल हाइवे पर लगभग ढाई सौ किलोमीटर के बीच मुआवजा के चक्कर में हजारों घर बनाए गए है और अभी कुछ बन रहे हैं। नईदुनिया के पड़ताल में हरियाणा, यूपी, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार तक के लोग, बड़े व्यवसायी, राजनेता, उद्योगपति और किसान उसी जमीन पर घर बना रहे हैं, जहां से नेशनल हाईवे बनेगा।
By Ramkrishan paramhans pandey
Publish Date: Thu, 11 Jul 2024 10:31:59 AM (IST)
Updated Date: Thu, 11 Jul 2024 10:54:23 AM (IST)
उक्त कार्य में राजस्व विभाग के पटवारी से लेकर आला अधिकारियों की संलिप्पतता भी पाई जा रही है। HighLights
- मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में मुआवजा रैकेट चल रहा है!
- ये अवैध निर्माण कर करोड़ों रुपये ऐंठने का काम कर रहे।
- जिनको मुआवजा मिलना चाहिए, वो लोग ही हो गए वंचित।
नईदुनिया, सिंगरौली (MP News)। सिंगरौली-प्रयागराज नेशनल हाईवे का सर्वे हो चुका है। मप्र में 70 किमी के हाईवे की जनपद में चितरंगी और दुधमनिया तहसील के लगभग तीन दर्जन गांवों की जमीन प्रभावित हो रही है। अधिग्रहण की अधिसूचना मार्च में जारी हुई। इसके बाद जमीन की खरीद-फरोख्त और नामांतरण पर रोक लग गई। फिर भी दोनों तहसीलों के गांवों में 2 महीने में 3 हजार से अधिक मुआवजा वाले घर खड़े हो गए हैं।
मुआवजा गिरोह के सदस्य करोड़ों का खेल कर रहे हैंं
सिंगरौली जिले में मुआवजा रैकेट चल रहा है जिले में जहां भी औद्योगिक कंपनियों आती हैं या नेशनल स्तर की रोड बनती है तो मुआवजा गिरोह के सदस्य अवैध निर्माण कर करोड़ों का खेल कर रहे हैंं।
जिनको लाभ मिलना चाहिए उनमें ज्यादा वंचित
चितरंगी के रहने वाले अभिमन्यु सिंह चंदेल बोले- जो स्थानीय लोग हैं जिनको वास्तव में लाभ मिलना चाहिए उनमें से ज्यादा सरकारी लाभ से वंचित हैं, लाभ में सरकारी तंत्र भी शामिल है।
रजिस्ट्री और नामांतरण पर रोक, इसलिए स्टाम्प पर हुआ एग्रीमेंट
- किसानों ने पैसे की कमी से निपटने के लिए किसान अन्य प्रदेश के लोगों से निर्माण के एवज में 80%, 70%, या घर निर्माता एवं जमीन मालिक के बीच जितने में भी रेट तय हो जाए मुआवजा राशि देने का करार कर स्टांप पर होना एक आम बात हो चुकी है।
- 5- 6 फुट दीवार बनकर टीन सेड रख घर निर्माण पूरा मान लिया जाता है। जिनमे कभी किसी को रहते हुए नहीं देखा है। ग्रामीणों का कहना है कि उक्त कार्य में राजस्व विभाग के पटवारी से लेकर आला अधिकारियों की संलिप्पतता भी पाई जा रही है।
- शिकायत एनएचएआई तक पहुंची तो पीडब्ल्यूडी के ईई शंकर लाल भी मानते हैं कि सर्वे पूरा होने के बाद बड़ी संख्या में निर्माण होने की शिकायत मिली है। चिह्नित करेंगे और शिकायत मिलने के बाद अवैध निर्माण पर कार्रवाई भी प्रशासन द्वारा की जाएगी।