Ratlam Crime News: रतलाम। रिंगनोद थाना छेत्र के ग्राम कांकरवा में हुए युवक के अंधेकत्ल की पुलिस ने गुत्थी सुलझा ली है। मामले में उसकी पत्नी और उसके दो प्रेमियों को गिरफ्तार किया गया है। उनका एक साथी फरार हो गया। उसकी तलाश की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि 28 जून की दोपहर ग्राम कांकरवा में रामगोपाल पुत्र दुर्गाशंकर शर्मा के खेत पर स्थित कुएं में बोरे में बंधा शव मिला था। पुलिस ने बोरा निकलवाकर खुलवाया तो युवक का शव निकला। उसके दाहिने हाथ पर रामलाल नाम गुदा हुआ था। उसकी शिनाख्त 40 वर्षीय रामलाल पुत्र नागूजी रायकवार निवासी कांकरवा के रूप में हुई।
हत्या का प्रकरण दर्ज कर अंधेकत्ल की गुत्थी सुलझाने के लिए टीम गठित की गई। रिंगनोद टीआइ दर्शना मुजाल्दा के नेतृत्व में टीम ने रामलाल व उसकी पत्नी रेखा के मोबाइल फोन की काल डिटेल व सीसीटीएनएस के माध्यम से जांच शुरू की। जांच के न आरोपित रेखा और उसके प्रेमी शंकरलाल पुत्र नानूराम मालवीय निवासी ग्राम कांकरवा व समरथ पुत्र सूर्यवंशी निवासी ग्राम कुछड़ोद थाना अफजलपुर जिला मन्दसौर को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
पहले तो वे हत्या करने से मना करते रहे, सख्ती से पूछताछ करने पर शंकरलाल व समरथ ने अपने तीसरे साथी सत्तू उर्फ सत्यनारायण पुत्र कारूलाल मालवीय निवासी ग्राम कांकरवा के साथ मिलकर रेखा के कहने पर हत्या करना कबूल किया। सत्तू गांव छोड़कर भाग गया है। पुलिस उसे तलाश रही है।
खेत पर शराब पिलाकर दबाया था गला
पुलिस के अनुसार आरोपितों ने बताया कि मृतक रामलाल की पत्नी पांच साल से पति से अलग होकर अपने मायके ग्राम भावगढ़ स्थित मायके में तीन बच्चों के साथ रह रही थी । वह घटना के करीब एक माह पहले ही पति के पास आई थी। 23 जून को रामलाल के परिवार में कार्यक्रम था। जिसमें उसका रिश्तेदार समरत व गांव का शांतिलाल मालवीय भी पहुंचे थे। इन दोनों के रेखा से प्रेम संबंध थे । वहीं गांव का सत्तू रामलाल पर 30 हजार रुपए मांगता था। रामलाल उसे रुपए नहीं दे रहा था। इससे वह भी नाराज था।
शंकर, समरथ और सत्तू के साथ मिलकर रेखा ने पति की हत्या करने की साजिश रची। रेखा के कहने पर शंकर, सत्तू और समरथ ने शाम को रामलाल को शंकर के खेत पर बुलाया। वहां सत्तू अपनी स्कूटी (एमपी-09/एसएल-3373 से समरथ के साथ तथा शंकरलाल अपनी बाइक (एमपी-43/एमएफ-1298) से पहुंचा। सभी ने मिलकर रामलाल को शराब पिलाने लगे। शराब पीने के दौरान ही सभी ने मिलकर रामलाल का गला दबा कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद सत्तू की स्कूटी से टाटा का बोरा निकाला और उसमें शव बांध कर रामगोपाल के खेत पर ले जाकर कुएं में फेंक दिया था।