रायसेन। पूर्व मंत्री रामपाल सिंह ने प्रस्तावित चिनकी बांध को निरस्त कराते हुए नर्मदा नदी पर अब कम ऊंचाई वाले 2 स्टॉप डैम बनाए जाने की स्वीकृति प्राप्त कर ली है। सिंह ने बताया कि चिनकी बांध निरस्त होने से हमारे जिले को एक बड़ा नुकसान होने से बचाया जा सका है। यदि यह बांध बनता तो न सिर्फ हमारे रायसेन जिला को बल्कि नरसिंहपुर, जबलपुर, दमोह आदि जिलों को भी प्राकृतिक संपदाओं का भारी नुकसान होता। चिनकी बांध के निरस्त होने से जिले में मौजूद बहूमूल्य प्राकृतिक संपदाओं में शुमार एशिया की सर्वोत्तम उपजाऊ भूमि व पुरातात्विक महत्व के स्थलों, वन भूमि व वन्य जीवों सहित कई ग्रामों के डूब क्षेत्र में चले जाने सहित अन्य नुकसानों से बचाया जा सका है और इन्हे बचाने लिए हमने चिनकी बांध को निरस्त कराए जाने सभी हरसंभव प्रयास किए हैं। सिंह ने कहा कि चिनकी बांध की जगह अब बोरास-चिनकी बैराज नरसिंहपुर जिले में चिनकी एवं रायसेन जिला में बौरास के पास अब कम ऊंचाई के दो स्टाप डैम बनाए जाने की स्वीकृति मिल गई है। अब यह परियोजना 1400 करोड़ से बढ़कर 4400 करोड़ की हो गई है। सिंचाई व पेयजल हेतु माइक्रो इरीगेशन पाईप लाइन के माध्यम से जल वितरण किया जाएगा। सिंह ने बताया कि बोरास बैराज परियोजना में रायसेन जिला के उदयपुरा तहसील और सिलवानी तहसील को पाइप लाइन द्वारा पेयजल और सिंचाई के व्यवस्था की जाएगी। बोरास बैराज की कुल लंबाई 631.50 मीटर एवं ऊंचाई 17.25 मीटर जिसमें 30 गेट एवं चिनकी बैराज की कुल लंबाई 404.10 मीटर एवं ऊंचाई 25.92 मीटर होगी जिसमें 17 गेट प्रस्तावित हैं। इन दोनों बैराज के बनाए जाने से नर्मदा के दोनों ओर की कुल डूब भूमि नरसिंहपुर जिले की शासकीय 1211 हेक्टेयर व निजी 518 हेक्टेयर एवं रायसेन जिले की शासकीय 1005 हेक्टेयर व निजी 210 हेक्टेयर भूमि डूब क्षेत्र में प्रस्तावित है। यदि चिनकी बांध बनाया जाता है तो जिले की उपजाऊ निजी 5018 हेक्टेयर एवं शासकीय 7000 हेक्टेयर भूमि 167 ग्राम डूब क्षेत्र में आ जाती।