अरविंद शर्मा, रायसेन । जिले की ग्राम पंचायत टेकापार मुजप्ता के बेरसला गांव में शासकीय मधुसूदन गोशाला का तीन महीने पहले जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने धूमधाम से शुभारंभ किया था। इस दौरान गोशाला के रिकार्ड में 300 गोवंश थे, लेकिन इनमें से अब तक 210 गोवंश गायब हो चुके हैं। अब 90 गोवंशी बचे हैं। गुरुवार को कई गोवंशी के कंकाल पड़े हुए थे। गोशाला के जिम्मेदार इन गोवंशी की मौत की वजह प्राकृतिक बता रहे हैं। वहीं अधिकारी मामले की जांच करने के बाद कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
गुरुवार को नवदुनिया की टीम गोशाला पहुंची तो परिसर और उसके आसपास गोवंशी के कंकाल पड़े हुए थे। इधर, ग्राम पंचायत सचिव अशोक चौबे का कहना है कि तीन महीने पहले इस गोशाला के शुभारंभ के समय रिकार्ड में 300 गोवंशी थे, लेकिन अब केवल 140 गोवंशी जीवित हैं।
उन्होंने कहा कि यहां गोवंशी की मौत बीमारी से हो रही है। उन्होंने 35 गोवंशी की मौत होना बताया है। बीमार गोवंशी का इलाज किया जा रहा है। मृत गोवंशी के कंकाल दफनाने की व्यवस्था कर रहे हैं।
पशु चिकित्सक डा. एनके तिवारी का कहना है कि मधुसूदन गाेशाला में गोवंशी की मौत की जानकारी उन्हें नहीं है। वह पिछले 15 दिन से गोवंशी का इलाज करने के लिए नहीं गए,। गोवंशी बड़ी संख्या में मर रहे हैं, इसकी जानकारी सरपंच और सचिव ने उनको नहीं दी।
इधर, सरपंच हल्केराम अहिरवार का कहना है कि गोशाला में एक-दो गोवंशी रोज मर रहे हैं। इसकी सूचना अधिकारियों दी गई है। बीमार गोवंशी का इलाज किया जा रहा है।
वहीं बेगमगंज जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) आशीष जोशी का कहना है कि गोशाला में प्राकृतिक रूप से गायों की मौत हुई है। उसका रिकार्ड भी माैजूद है। फिर भी मामले की जांच कराई जाएगी। यदि लापरवाही की गई है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।