नईदुनिया प्रतिनिधि, पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व में वन परिक्षेत्र पन्ना कोर अंतर्गत अकोला बीट के कक्ष क्रमांक 391 में 9-10 नवंबर की दरमियानी रात्रि एक नर बाघ के हमले में 9 माह के बाघ शावक की मौत हुई है। पिछले कई दिनों से इस इलाके में विचरण कर रहे नर बाघ ने इसके पूर्व 7 नवंबर को इस शावक के भाई को भी मार दिया था। इस तरह से 3 दिन के भीतर नर बाघ ने हमला करके दो शावकों को मौत के घाट उतार दिया है।
असमय काल कवलित हुए इन दोनों बाघ शावकों की मां बाघिन पी-234 विगत कुछ माह पूर्व लकवाग्रस्त हो गई थी, जिसे इलाज के लिए भोपाल भेजा गया था। इलाज के बावजूद इस बाघिन की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। अपनी मां से बिछड़ चुके इन शावकों को सुरक्षा की दृष्टि से अकोला बीट में जाली की फेंसिंग वाले बाडे में रखा गया था। जिनकी देखरेख व निगरानी के लिए वनकर्मी भी तैनात थे। लेकिन मां का सुरक्षा कवच ना होने से फेंसिंग वाले बाडे में नर बाघ प्रवेश कर गया और तीन दिन के अंतराल में दोनों बाघ शावकों को मार दिया।
क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व बृजेन्द्र झा ने आज बताया कि बाघ बाघ शावक के शरीर में कई जगह केनाइन दांत के स्पष्ट निशान पाए गये। बाघ शावक के शरीर से खून भी बह रहा था। शुक्रवार 10 नवंबर की सुबह घटना की सूचना मिलते ही परिक्षेत्र अधिकारी पन्ना कोर व डाक स्क्वाड मौके पर पहुंचा। पूरे इलाके में आसपास के 2 किलोमीटर क्षेत्र की सर्चिंग की गई, जहां अवैध व संदिग्ध गतिविधि के कोई निशान नहीं पाए गए।
कैमरा ट्रैप में फेंसिंग के बाहर एक नर बाघ की फोटो प्राप्त हुई है तथा पग मार्ग भी दिखाई दिए हैं। मृत बाघ शावक का पोस्ट मार्टम वन्य प्राणी स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना टाइगर रिजर्व डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता द्वारा किया गया तथा जांच हेतु सेम्पल लिया गया। मृत बाघ शावक के शव को क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व व गठित चार सदस्यीय समिति के सदस्यों की मौजूदगी में जलाकर नष्ट किया गया। घटनास्थल का अवलोकन करने के उपरांत प्रथम दृष्टया बाघ शावक की मौत अन्य नर बाघ के हमले से होना प्रतीत होता है।