पन्ना, नईदुनिया प्रतिनिधि। शरद महोत्सव में पन्ना आकर इस तीर्थ स्थल के दर्शन और श्री प्राणनाथ जी के आध्यात्मिक जीवन और उनके कार्यों को जानने का अवसर मिला है। यह मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। संपूर्ण दुनिया एक परिवार है, प्राणनाथ जी की हम सभी पर कृपा है। कहा भी गया है सियाराम मय सब जग जानी। इस भावना के अनुसार हम सभी प्राणनाथ प्यारे के प्रिय हैं। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पन्ना में आयोजित शरद महोत्सव में कहीं। इस दौरान उन्होंने श्री जी की सवारी भी देखी जो वर्ष में एक बार श्री बांग्ला जी दरबार मंदिर से रास मंडल में पांच दिनों के लिए विराजमान होती है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी साधना सिंह, खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, सांसद वीडी शर्मा, जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को देर रात पन्ना पहुंचकर यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव में शामिल हुए और महारास में शामिल हुए। मुख्यमंत्री मंदिरों के शहर पन्ना में धार्मिक यात्रा की शुरुआत शहर के श्री जगदीश स्वामी मंदिर से की।
परम सौभाग्य है कि #शरद_पूर्णिमा के पुनीत अवसर पर पन्ना जिले में श्री जगदीश स्वामी मंदिर में दर्शन-पूजन का अवसर मिला। रथयात्रा पर्व पर स्वामी जगदीश जी भाई बलभद्र और सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण कर कृपा बरसाते हैं। प्रार्थना है कि प्रदेशवासियों को सुख, समृद्धि और खुशहाली प्रदान करें। pic.twitter.com/SJAGewBzl4
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 20, 2021
इन मंदिरों में भी की प्रार्थना : इसके बाद श्री बल्देव जी मंदिर, श्री रामजानकी मंदिर तथा श्री जुगल किशोर जी मंदिर जाकर माथा टेका और प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी प्रार्थना है कि सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया। सभी सुखी हों, सभी निरोगी हों और सभी का कल्याण हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राणनाथ जी ने महाराजा छत्रसाल का भी मार्गदर्शन किया।
पन्ना प्रणामी पंथ का पवित्र धाम : मुख्यमंत्री ने कहा कि पन्ना प्रणामी पंथ का पवित्र धाम है। यहां श्री गुंबट जी मंदिर के प्रांगण को ब्रह्र चबूतरा (रास मंडल) कहा जाता है। यही श्री प्राणनाथ जी ने परम स्नेही सुंदरसाथ को श्री राज जी-श्यामा जी की अलौकिक अखंड रासलीला, जागिनी रास का दर्शन करवाया था। इसलिए इसे जागिनी लीला भी कहा जाता है। तबसे अंतरराष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव प्रतिवर्ष होता है। निजानंद संप्रदाय में प्रेम की बड़ी महिमा है, यहां प्रेम ही सब कुछ है। शरद पूर्णिमा में श्री कृष्ण ने प्रेम को ही प्रतिष्ठा प्रदान की।