पन्ना, नईदुनिया प्रतिनिधि। पन्ना जिले में आज एक गरीब मजदूर को सरकोहा गांव की उथली हीरा खदान में 32.80 कैरेट वजन का दुर्लभ बेशकीमती हीरा मिला है। जेम क्वालिटी वाले इस हीरे की अनुमानित कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। हीरा धारक स्वामीदीन पाल आज अपने परिवार के साथ जिला मुख्यालय में संयुक्त कलेक्ट्रेट स्थित हीरा कार्यालय पहुंचा। उसने हीरे का वजन करवाकर विधिवत कार्यालय में जमा करा दिया है।
हीरा अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि हीरा धारक स्वामीदीन पाल ने हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाकर करीब चार माह पहले खदान लगाई थी। स्वामीदीन खेती-किसानी व मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता था। वह हीरे की खदान भी लगाया करता था।
खेतिहर मजदूर ने बताया कि वह सरकोहा गांव में स्थित खुद की जमीन में चार माह पहले गर्मियों में हीरा खदान का पट्टा बनवाकर खुदाई शुरू की थी। उसे विश्वास था कि उसे बड़ा हीरा जरूर मिलेगा। आज दोपहर लगभग 12 बजे वह हीरा धारित चाल की धुलाई कर रहा था। उसी समय उसे यह हीरा मिला। इतना बड़ा बेशकीमती हीरा मिलने के बाद से उसका परिवार बेहद खुश है। उसका कहना है कि अब तक हमने कठिन जिंदगी जी है। हीरा मिलने के बाद सारे कष्ट व परेशानी दूर हो जाएगी।
हीरा अधिकारी रवि पटेल ने कहा कि जेम क्वालिटी का यह बेहद दुर्लभ हीरा है, जिसकी बाजार में अच्छी डिमांड होती है। इस हीरे को आगामी हीरा नीलामी में बिक्री के लिए रखा जाएगा। अनुमानित कीमत पूंछे जाने पर बताया कि यह 2 से 2.5 करोड़ रुपये का होना चाहिए। हीरा अधिकारी के मुताबिक बीते 5 सालों में पन्ना की उथली हीरा खदानों से प्राप्त हीरों में यह सबसे बड़ा हीरा है, जो आयोजित होने वाली नीलामी में आकर्षण का केंद्र रहेगा।
खेतिहर मजदूर को बड़ा हीरा मिलने पर पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार ने भी खुशी का इजहार करते हुए बताया कि ग्राम सरकोहा में गरीब किसान स्वामीदीन पाल को उथली हीरा खदान में 32.80 कैरेट का हीरा प्राप्त हुआ है, जिसे आज पन्ना हीरा कार्यालय में जमा कराया गया है।
पन्ना जिले की रत्नगर्भा धरती में उथली खदानों से कई दुर्लभ व नायाब हीरे मिल चुके हैं। अब तक का सबसे बड़ा हीरा तकरीबन 62 साल पहले 15 अक्टूबर 1961 को महुआटोला की उथली हीरा खदान से रसूल मोहम्मद को 44.55 कैरेट वजन वाला जेम क्वालिटी का हीरा मिला था, जो अब तक का सबसे बड़ा हीरा है।
साल 2018 में मोतीलाल प्रजापति को 42.59 कैरेट वजन का हीरा मिला था। यह हीरा नीलामी में 6 लाख रुपये प्रति कैरेट की दर से 2 करोड़ 55 लाख रुपये में बिका, जिसे झांसी उत्तर प्रदेश के निवासी राहुल अग्रवाल ने खरीदा था।
साल 2018 में मोतीलाल प्रजापति को मिले नायाब हीरे के बाद यह तीसरा बड़ा हीरा है, जो स्वामीदीन पाल को आज सरकोहा की खदान में मिला।