Constable recruitment: आरक्षक भर्ती में में तीन फर्जी परीक्षार्थी पकड़े, मथुरा के है रहने वाले
मुरैना में पुलिस भर्ती में शरीरिक परीक्षा चल रही है। पुलिस ने बुधवार को तीन फर्जी परीक्षाथियों को पकडा है। ये सभी मथुरा के रहने वाले हैं। ये परीक्षार्थी दूसरे परीक्षार्थियों की जगह पर फिजीकल टेस्ट देने के लिए आए थे। इस फर्जीवाडे का मास्टरमाइंड सबलगढ का रहने वाला है।
By Hariom Gaur
Publish Date: Thu, 21 Nov 2024 08:22:45 AM (IST)
Updated Date: Thu, 21 Nov 2024 08:22:45 AM (IST)
पकडे गए फर्जी परीक्षार्थियों को हवालात ले जाती पुलिस HighLights
- मथुरा के फर्जी परीक्षार्थी ने किया था पूरी प्रक्रिया का पर्दाफास
- मास्टरमाइंड का भाई और आधार कार्ड संचालक पकड़ा
- पहले भी एक फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा गया था मुरैना में
नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। मुरैना में चल रही पुलिस आरक्षक भर्ती में मंगलवार को मथुरा का एक फर्जी अभ्यर्थी पकड़े जाने के बाद बुधवार को तीन और फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए हैं। इस मामले में कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे पहले भी भर्ती में पकड़ा गया था एक परीक्षार्थी। उसी ने किया पूरी प्रक्रिया का पर्दाफास। अब पुलिस पूरे रैकेट का पता लगाने में जुटी है।
गौरतलब है, कि पांचवी बटालियन के मैदान पर पुलिस आरक्षक भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट चल रहे है। लिखित परीक्षा में पास अभ्यर्थियों के दौड़, लंबी कूद व गोला फेंक करवाई जा रही है। बुधवार को फिजिकल टेस्ट के अंतिम दिन देवगढ़ निवासी लवकुश गुर्जर पकड़ा गया जो बृजेश पुत्र विजय सिंह की जगह फिजिकल देने आया था।
इसके अलावा माता बसैया थाना क्षेत्र के निवासी कल्याण पुत्र अतर सिंह गुर्जर और अंबाह के लुखरियाई गांव निवासी करतार पुत्र रामनाथ सिंह जाटव को पकड़ा गया। कल्याण और करतार ने लिखित परीक्षा में अपनी जगह किसी दूसरे साल्वर को बैठाया था, फिजिकल देने खुद आए तो पकड़े गए। मंगलवार को उप्र के मथुरा के बच्चगांव निवासी मलखान उर्फ रिंकू पुत्र राजेंद्र सिंह जाट को पकड़ा था, जो मुरैना के डबोखरी-बर्रेड गांव निवासी दुर्गेश पुत्र रामहेत जाटव की जगह फर्जी तरीके से फिजिकल दे रहा था।
मास्टरमांइड ने मथुरा के फर्जी परीक्षार्थी को दिए 40 हजार, बाद में देने थे 1.50 लाख
- पुलिस के अनुसार इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड सबलगढ़ का रहने वाला सोनू उर्फ मनीष शर्मा है। मथुरा निवासी मलखान ने पुलिस बताया है कि उसके भाई नरेश जाट ने मनीष शर्मा से पहचान करवाई थी। मनीष ने उसे 15-20 दिन पहले सबलगढ़ बुलवाया।
- किसी आधार सेंटर पर ले जाकर दुर्गेश जाटव के आधार पर उसके फिंगर अपडेट करवाए गए। एडवांस के तौर पर 40 हजार रुपये फोन-पे से दिए। बाकी के 1.50 लाख फिजिकल पास करवाने के बाद मिलने वाले थे।
- फिजिकल देने से पहले मनीष शर्मा ने शेरू नाम के युवक से दुर्गेश जाटव के दस्तावेज भेजे थे। दुर्गेश की जगह लिखित परीक्षा में भी मनीष ने ही फर्जी साल्वर बैठाया था।
- कोतवाली पुलिस ने दुर्गेश जाटव, रिंकू जाट, सोनू उर्फ मनीष शर्मा, नरेश जाट, शेरू व एक अज्ञात आधार सेंटर संचालक पर केस दर्ज किया है। मलखान के अलावा मनीष शर्मा के भाई संतोष व आधार केंद्र के संचालक रवि को पकड़ लिया है।