मुरैना(नईदुनिया प्रतिनिधि)। बाल विवाह रोकने के लिए चलाई जा रही मुहिम के तहत गुरुवार को प्रशासन की टीम ने जिलेभर में तीन बाल विवाह रुकवाए। इनमें दो नाबालिग दुल्हनें थीं तो एक में दूल्हा नाबालिग था। विवाह रुकवाने पहुंची प्रशासन की टीम के साथ कुछ जगह विवाद हुआ, लेकिन टीम ने शादी का आयोजन रुकवाकर नाबालिग दूल्हा-दुल्हन को रेस्क्यू कर प्रशासन के सुपुर्दगी में ले लिया।
प्रशासन की टीम ने यह बाल विवाह मुरैना के वार्ड 35, पहाड़गढ़ कस्बे और पोरसा तहसील के खरगोले का पुरा में रुकवाए हैं। पहाड़गढ़ में 17 साल की नाबालिग की शादी की तैयारियां चल रही थीं। शुक्रवार को नाबालिग दुल्हन की बारात आने वाली थी और गुरुवार को पहुंची प्रशासन की टीम ने विवाह को रुकवाया और नाबालिग के स्वजनों से लिखवाकर लिया है कि वह बेटी के बालिग होने पर ही शादी करेंगे। इसके बाद मुरैना के वार्ड 35 में सरबजीत का पुरा में 17 साल के नाबालिग दूल्हे की शादी रुकवाई। उक्त दूल्हा बालिग उम्र से करीब 4 साल छोटा था। गुरुवार को दूल्हे के घर मण्डप रसोई का कार्यक्रम चल रहा था और शुक्रवार को मुरैना के बायपास पर ही बारात जानी थी। आश्चर्य की बात यह है कि 17 साल के नाबालिग दूल्हे की दुल्हन 18 साल से ज्यादा यानी बालिग थी। दूल्हे के स्वजनों से भी लिखवाकर लिया गया है कि वह 4 साल तक शादी नहीं करेंगे। तीसरी शादी पोरसा के खरगोले गांव में रुकवाई जहां 17 साल से भी कम उम्र की दुल्हन की शादी हो रही थी। यहां पहुंची प्रशासन की टीम से दुल्हन के स्वजन विवाद करने लगे, लेकिन वह दुल्हन के 18 साल के होने का कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाए। इस कारण प्रशासन ने दुल्हन का रेस्क्यू कर अपनी सुपुर्दगी में ले लिया। उक्त नाबालिग को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा।