नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना: कृषि मंत्री एंदल सिंह कंषाना के गृह जिले मुरैना के किसान डीएपी खाद के लिए बीते 11 दिन से भटक रहे हैं। वहीं पड़ोसी श्योपुर जिले के विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में कृषि विभाग ने मांग से पांच गुना अधिक डीएपी बांट दिया है। उल्लेखनीय है कि विजयपुर में अभी उप चुनाव रहा है।
मुरैना जिले में शुक्रवार 18 अक्टूबर को डीएपी का स्टाक खत्म हो चुका है। इसके बाद से लाइन में लग रहे किसानों को टोकन बांटे जा रहे हैं। 18 अक्टूबर और उसके पांच दिन बाद तक हजारों किसानों को जो दो-दो बोरी डीएपी के लिए जो टोकन दिए गए हैं, उन पर खाद के लिए किसान एमपी एग्रो, विपणन संघ और इफको के गोदामों पर चक्कर काट रहे हैं।
बागचीनी के किसान रामबाबू कुशवाह ने बताया, सोमवार 21 अक्टूबर से यही भरोसा दिया जा रहा है कि एक-दो दिन में डीएपी की रैक आ रही है। खाद नहीं मिलने गेहूं व सरसों की बोबनी पर असर पड़ रहा है। बोबनी के लिए कई किसान खेत को दो-दो बार जोत चुके हैं। कृषि विभाग डीएपी की जगह एनपीके खाद के उपयोग की सलाह दे रहे हैं, लेकिन गोदामों में एनपीके खाद भी नहीं मिल रहा है।
मुरैना में डीएपी का संकट इतना विकराल है, कि जिस किसान को 20 बीघा जमीन में बोवनी करने के लिए 20 बोरे डीएपी चाहिए, उसे जमीन के कागज, आधार कार्ड दिखाने के बाद दो बोरे खाद मिल रहा है। श्योपुर के विजयपुर में 13 नवंबर को विधानसभा का उप चुनाव होना है, यहां सरकार ने खाद गोदामों के द्वार खोल दिए हैं।
श्योपुर विपणन संघ के जिला प्रबंधक सतेंद्र सिंह ने बताया, कि विजयपुर ब्लाक के किसानों के लिए 350 टन डीएपी की मांग रखी गई थी। इसमें से करीब 2000 टन डीएपी का वितरण किया जा रहा है।
प्रदेश में प्रतिदिन पांच रैक यूरिया, दो रैक डीएपी एवं दो रैक एनपीके की आ रही है। अक्टूबर 2023 में डीएपी और एनपीके 1.89 लाख मैट्रिक टन मिला था। जबकि, इस वर्ष अक्टूबर में अभी तक 2.70 लाख मीट्रिक टन मिल गया है। प्रदेश में डीएपी और एनपीके 2.80 लाख टन उपलब्ध है। कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि जहां भी आवश्यक हो, अतिरिक्त काउंटर या नए नकद बिक्री केंद्र खोलकर आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए।
-एदल सिंह कंषाना, कृषि मंत्री, मप्र