नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: महू में जामगेट के समीप सेना के फायरिंग रेंज में प्रशिक्षु सैन्य अफसरों से लूट और उनके साथ गई युवती से सामूहिक दुष्कर्म के सभी छह आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपित अनिल बारोड़ पुलिस का ही मुखबिर है और मानपुर थाने के पुलिसकर्मियों के संपर्क में था। वह राजनीतिक दल के कुछ पदाधिकारियों के संपर्क में भी रहा है। पुलिस ने आरोपितों से पिस्टल, बाइक और लूटी राशि बरामद कर ली है।
वहीं, इस घटना में ट्रेनी सैन्य अफसर भी जांच के घेरे में हैं। आर्मी इंटेलिजेंस ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। आधी रात को यूनिट से बाहर जाने की भी जांच चल रही है। घटना से सेना की बदनामी हुई है। महिला मित्रों के कारण मामला संवेदनशील हो गया है। पुलिस ने सैन्य अफसर कौशल के बयान तो ले लिए लेकिन प्रणीत ने अभी तक बयान दर्ज नहीं करवाए हैं।
डीआइजी (ग्रामीण) निमिष अग्रवाल ने बताया आरोपित अनिल मदन बारोड़, पवन श्रीलाल बंसुनिया, रितेश देवेश भाभर को पहले ही पकड़ लिया गया था। ये तीनों आरोपित 16 सितंबर पर रिमांड पर हैं। शुक्रवार को तीन अन्य आरोपितों- रोहित ज्ञान सिंह गिरवाल, संदीप दिनेश बारिया और सचिन राधेश्याम को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपित अनिल मानपुर में शराब की दुकान पर काम करता है। पुलिस के अनुसार, आरोपित अनिल आठ साल से आपराधिक गतिविधियों में शामिल है। वर्ष 2021 में उसने मोगराघाटी में तत्कालीन थाना प्रभारी बीएस ठाकुर पर हमला कर दिया था। वह तीन बार पुलिसकर्मियों को पीट चुका है। आरोपित रितेश पर भी हत्या, बलवा, हत्या की कोशिश के चार केस दर्ज हैं।
पुलिस के अनुसार, पूछताछ में सामने आया है कि आरोपित अनिल और पवन बुधवार रात को बाइक से जंगल में घूम रहे थे। उन्होंने जामगेट की तरफ रात करीब 11 बजे कार में दो युवक-दो युवतियों को देखा। करीब एक घंटे वे दोनों की रेकी करते रहे, फिर रितेश को काल लगाकर बाकी साथियों के साथ बुला लिया।
एक सैन्य अफसर कार में युवती के साथ बैठा था। दूसरा थोड़ी दूरी पर सुनसान जगह था। आरोपितों ने आते ही अफसर और युवतियों को पीटना शुरू कर दिया। पर्स और जेब में रखे रुपये छीन लिए। एक युवती और सैन्य अफसर को 10 लाख रुपये लेने भेज दिया।
डीआइजी के मुताबिक, आरोपितों का कहना है कि पीड़ितों ने नहीं बताया कि वो सैन्य अफसर हैं। रुपये लेने गए सैन्य अफसर को लौटने में देरी हुई तो आरोपितों ने सामूहिक दुष्कर्म किया।
घटना से सैन्य अफसरों में आक्रोश है। साथियों की पिटाई से अंदर ही अंदर गुस्से में है। गुरुवार को 25 सैन्य अफसर पुराने बड़गोंदा थाने पहुंच गए। एक पुलिस अफसर ने वरिष्ठ सैन्य अफसरों को सूचना दी और सेना पुलिस को बुला लिया। इस घटना के बाद आरोपितों को बड़गोंदा थाने में नहीं रखा। पुलिस को उप पर हमले का खतरा है।