नईदुनिया प्रतिनिधि,इंदौर। महू गैंगरेप के आरोपितों की गिरफ्तारी का सच सामने आया है। आरोपितों को गिरफ्तार नहीं बल्कि पेश किया गया था। बड़गौंदा थाने के पुलिसकर्मी तीन आरोपितों को लग्जरी कार से थाने लेकर आई थी। आरोपित और पुलिसकर्मियों का वीडियो वायरल हुआ है। मानपुर के एक सरपंच मध्यस्थ की भूमिका में था।
प्रशिक्षु सैन्य अफसर कौशलसिंह,प्रवीणसिंह से लूट और महिला मित्र से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को आरोपित रोहित गिरवाल,संदीप बारिया और सचिन की गिरफ्तारी दर्शाई। दावा किया गया कि तीनों को वाचू पाइंट के समीप से पकड़ा गया है। पुलिस के डर से जंगलों में फरारी काट रहे थे।
शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में आरोपित कार से उतर कर दूसरी कार में बैठते हुए नजर आ रहे है। एक सरपंच आश्वस्त कर रहा है। बदमाशों को समझा रहा कि डरने की कोई बात नहीं है। दौड़ने की कोई जरुरत नहीं है। कोई हाथ भी नहीं लगाएगा। थप्पड़ भी मारे तो हम बैठे हैं। हमको मालूम है तुमने गलत नहीं किया। तीनों आरोपितों के पुलिसकर्मियों ने साथ फोटो खिंचवाए और कार में बैठ गए।
टीआई लोकेंद्र हिहोरे के मुताबिक आरोपितों को स्वजन के समक्ष हिरासत में लिया था। गिरफ्तारी अन्य जगह से की है। तीनों का सोमवार तक रिमांड मांगा है। उधर मामले में सेना ने भी जांच शुरू कर दी है। देर रात युवतियों के साथ जाने पर सेना ने ट्रेनी अफसरों की रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस ने ट्रेनी अफसर कौशलसिंह की रिपोर्ट पर गैंगरेप की धारा लगा दी लेकिन युवतियां अभी तक बयान नहीं दे रही है। एक युवती के साथ दुष्कर्म हुआ है। अनिल और रितेश दुष्कर्म करना स्वीकार रहे है। लेकिन पीड़िता सदमें में है। अफसर भी जांच में सहयोग नहीं कर रहे है।