
Leopard in Mhow: महू (नईदुनिया प्रतिनिधि)। महू आर्मी क्षेत्र में तीन दिनों से घूम रहे तेंदुए को पकड़ने के लिए सोमवार को अभियान चलाया गया। पेड़ पर बैठे तेंदुए को पकड़ने के लिए ट्रैंक्यूलाइजर गन से दो डार्ट भी चलाए, पर तेंदुआ वहां से भाग गया। आर्मी वार कालेज से निकलकर तेंदुआ कोदरिया गांव की ओर चला गया है। वन विभाग ने शाम 4.30 बजे अभियान शुरू किया था। इसके छह मिनट बाद यानी 4.36 बजे तेंदुआ वहां से भाग गया।
पिछले दो दिनों से सेना के मिलिट्री कालेज आफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग परिसर में तेंदुआ घूम रहा था। पगमार्क से तेंदुए के एमसीटीई परिसर में होने की पुष्टि हुई थी। इस पर एमसीटीई परिसर में कैमरे और दो पिंजरे लगाए थे, पर रविवार को बाघ द्वारा बुजुर्ग के शिकार की घटना के बाद शाम को एक पिंजरा मलेंडी गांव के जंगल में लगाया गया।
तेंदुए की गतिविधि को लेकर कमांडेंट ने छावनी परिषद अधिकारी, पुलिस और वन विभाग के साथ बैठक ली, जिसमें तेंदुए के रेस्क्यू करने की योजना बनाई। इसके बाद सेना के जवान को तेंदुआ पेड़ पर बैठा दिखा तो उस पर ट्रैक्यूलाइजर से दो डार्ट फायर किए गए, पर हवा और पतों के कारण डार्ट नहीं लगे। परंतु तेंदुआ मौके से भाग गया।
हमारी टीम और सेना की संयुक्त कार्रवाई करते हुए रेस्क्यू किया था। वन विभाग एवं सेना की संयुक्त टीम की सतत मानीटरिंग से यह संभव हो सका। डार्ट गन से तेंदुए को 40 मीटर की दूरी से बेहोश करना लगभग असंभव था, पर अधिकारियों की सूझबूझ एवं जवानों की मुस्तैदी से तेंदुए को कैंपस से बाहर कर दिया। - वैभव उपाध्याय, रेंजर, महू वनपरिक्षेत्र