Mandsaur Railway Station: मंदसौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मंदसौर से सुवासरा और मंदसौर-बांसवाड़ा तक नवीन रेल मार्ग का रास्ता अब साफ होता दिखाई दे रहा है। दोनों मार्गो के लिए अंतरिम सर्वे होगा। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जनता की बरसों पुरानी मांग पूरी हो जाएगी। नया रेलवे मार्ग बनते ही मंदसौर रेलवे स्टेशन भी जंक्शन हो जाएगा। यात्रियों की सुविधाएं भी बढ़ेगी और स्टेशन का विकास भी होगा। इसी बीच दौहरीकरण का कार्य भी चल रहा है। मुक्तिधाम के समीप शिवना ब्रिज के समीप दौहरीकरण के कार्य में एक ओर ब्रिज का निर्माण चल रहा है। ऐसे में रेलवे के क्षेत्र में जिले में भविष्य को लेकर बेहतर स्थिति बनेगी।
मंदसौर से रेलवे के नये रूट के लिए अंतरिम सर्वे की मंजूरी होते ही यात्रियों की सुविधाओं में बढ़ोतरी का मार्ग भी खुल गया है। भारतीय रेलवे के मुताबिक देश के रेलवे स्टेशन के नाम में जंक्शन तब जुड़ता है जब वहां तीन अलग-अलग रूट्स का मिलन होता है। यानी अगर किसी स्टेशन पर 3 दिशाओं से ट्रेनें आकर मिलती हों तो उस स्टेशन को जंक्शन कहा जाता है।
सर्वे के बाद मंदसौर-सुवासरा और मंदसौर-बांसवाड़ा नया रेलवे मार्ग तैयार हो जाएगा तो हमारा मंदसौर स्टेशन जंक्शन बन जाएगा। मंदसौर-बांसवाड़ा रेलवे लाइन बनने से सीधे बांसवाड़ा, सागवाड़ा, डूंगरपुर, सलूम्बर होते हुए उदयपुर के लिए नया रुट हो जाएगा। साथ ही बांसवाड़ा होकर मंदसौर से सीधा इसे दाहोद को जोड़ते हुए दिल्ली-मुंबई के लिए नया रुट राष्ट्रहित में खोजा जा सकेगा।
राजस्थान-मप्र के पर्यटन व अन्य क्षेत्र में तो यह रेलवे लाइन महत्वपूर्ण धमनी का काम करती ही साथ ही दोनों क्षेत्रों के व्यापारिक संबंधों के लिए भी यह बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि सालों से मंदसौर जिले के तकरीबन एक हजार लोग इस प्रतापगढ़, सुहागपुरा, पीपलखूंट, घाटोल, घंटाली, खमेरा, घोड़ी तेजपुर, बांसवाड़ा आदि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में डेली अप-डाउन कर रहे हैं, तो वहीं इन क्षेत्रों के भी तकरीबन इतने ही लोग मंदसौर व आसपास के जिलों में रोजगार की तलाश में आते ही है। खासकर जनजातीय समुदायों के लोग मजदूरी का काम करने इधर ही आते हैं। ऐसे में यह रेल लाइन उनके लिए वरदान साबित होती।
रेलवे द्वारा 120 किमी मंदसौर-बांसवाडा नवीन रेल मार्ग के लिए 20 जून को अंतिम सर्वे की स्वीकृति जारी की गई। जिसमें मंदसौर से प्रतापगढ़ घाटोल के सर्वे हेतु 3 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। इस सर्वे से लंबे समय से लंबित बांसवाडा रेलमार्ग की उम्मीदो का श्रीगणेश हुआ और सीधे क्षेत्र की जनता को मध्यप्रदेश से राजस्थान होकर गुजरात के लिए एक नया रेलमार्ग मिल जाएगा।
सांसद सुधीर गुप्ता ने बताया कि इस रेल मार्ग के सर्वे के लिए वह रेल मंत्री से लगातार संपर्क में थे और इस हेतु वे पत्राचार के माध्यम से इस मार्ग की आवश्यकता और उपयोगिता को लेकर हमेशा मिलते रहे। रेलवे मंत्रालय द्वारा इस रेल मार्ग की अंतिम सर्वे की स्वीकृति हेतु पत्र जारी कर सर्वे के लिए 3 की राशि भी जारी की गई है।
मंदसौर से सुवासरा 65 किलोमीटर नई रेल लाईन के लिए भी अंतिम सर्वे के 20 जून को रेलवे द्वारा आदेश जारी किए है। रेलवे ने इस सर्वे के लिए 1 करोड़ 62 लाख 50 हजार की राशि भी स्वीकृत की। इस नई रेल लाइन से दिल्ली-मुंबई के लिए नई लिंक मिलेगी। सांसद सुधीर गुप्ता ने बताया की मंदसौर-सुवासरा नई रेल लाईन के लिए क्षेत्रवासियों द्वारा लगातार मांग की जा रही थी, जनता की मांग को गंभीरता से लेकर समय-समय पर रेलवे के उच्चाधिकारियों और रेल मंत्री इस रेल लाईन के लिए लगातार प्रयासरत रहे। परिणाम स्वरूप रेलवे मंत्रालय दिल्ली द्वारा पत्र जारी कर इस लाईन का अंतिम सर्वे की स्वीकृति प्रदान की गई है।