Mandsaur Golikand: मंदसौर। मंदसौर में 6 जून 2017 को किसान आंदोलन के दौरान फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी थी। आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के बाद जिले के 13 थाना क्षेत्रों में उपद्रव, तोड़फोड़ व बलवे के मामले में लगभग 100 प्रकरण दर्ज हुए थे। इनमें 351 को नामजद आरोपी बनाकर 81 गिरफ्तारी की गई थी। इस मामले में करीब 3 हजार अज्ञात लोगों पर भी प्रकरण भी दर्ज हुए थे।
बाद में किसानों के विरोध और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा सभी प्रकरण वापस लेने के मौखिक आश्वासन के बाद पुलिस ने सभी मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया। उल्लेखनीय है कि हिंसा में कुल 25 ट्राले-ट्रक, 1 चेसिस, 2 हाइड्रा मशीन, 69 बोलेरो इंजिन, 6 आटो, 21 ट्रैक्टर, 67 कार, जीप, पिकअप, 1 एंबुलेंस, 1 फायर बिग्रेड वाहन, 158 मोटसाइकल फूंक दी गई थी लगभग 27.32 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का नुकसान हुआ था।
किसान आंदोलन पर नियंत्रण नहीं कर पाने के चलते सरकार ने तत्कालीन कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह, एसपी ओपी त्रिपाठी, सीएसपी सांईंकृष्ण थोटा और पिपलियामंडी टीआई अनिलसिंह ठाकुर को निलंबित कर दिया था। इनमें सभी बहाल हो गए थे। जिले में पदस्थ अधिकांश प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को भी अन्य जिलों में भेजा था वह भी लौट आए हैं।
आंदोलन के दौरान ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मृतकों के स्वजनों को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। सरकार ने मृतकों के आश्रितों को राशि प्रदान कर दी। छह घायल किसानों को पांच-पांच लाख रुपये दिए थे। हालांकि नौकरी का मामला सरकारी लालफीताशाही के कारण लंबे समय तक अटका रहा था। इसके लिए मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव पारित कर नौकरी की व्यवस्था की गई।
इसके बाद मृतक अभिषेक पाटीदार निवासी बरखेड़ा पंथ के भाई संदीप पाटीदार को भानपुरा तहसील में, मृतक बबलू पाटीदार निवासी टकरावद की पत्नी अनिता पाटीदार को मंदसौर कलेक्टोरेट में, मृतक सत्यनारायण गायरी निवासी लोध के बड़े भाई राजू गायरी को गरोठ तहसील में नौकरी दे दी गई। बड़वन निवासी घनश्याम धाकड़ की पत्नी रेखा धाकड़ को सीतामऊ तहसील में नौकरी दी गई। चिल्लौद पिपलिया के मृतक कन्हैयालाल पाटीदार के बेटे के बालिग होते ही उसे नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था।
मजिस्ट्रियल जांच पूरी कर प्रतिवेदन तीन साल पहले ही हमारे कार्यालय से भेज चुके हैं। अब आगे की कार्रवाई तो भोपाल से ही होना है। – शिवलाल शाक्य, एसडीएम