नईदुनिया प्रतिनिधि, मंदसौर(Indian Railway)। नीमच-रतलाम दोहरीकरण कार्य ने अब काफी गति पकड़ ली है। रेलवे के अधिकारी लगातार इस पर ठेकेदार के कार्यों की मानिटरिंग कर रहे हैं। अब जल्द ही हर्कियाखाल से मल्हारगढ़ के बीच भी नई लाइन चालू करने की तैयारी है। अभी रेलवे अधिकारी जल्द ही इसके निरीक्षण के लिए सीआरएस से समय ले सकते हैं।
निरीक्षण के बाद हरी झंडी मिलते ही चित्तौड़ से मल्हारगढ़ तक किसी भी ट्रेन को क्रासिंग के लिए नहीं रुकना होगा। यात्रियों का समय भी बचेगा और ट्रेन भी देरी से नहीं चलेगी। 132 किमी लंबे रतलाम-नीमच रेलखंड पर दोहरीकरण का कार्य पूरे ट्रेक को अलग-अलग खंड में बांटकर तेजी से चलाया जा रहा है।
अभी तक रतलाम से नामली तक और नीमच से हर्कियाखाल तक दोहरीकरण पूर्ण कर नई लाइन पर ट्रेनों का आवागमन शुरू कर दिया गया है। नवंबर में ही हर्कियाखाल से मल्हारगढ़ के बीच दोहरीकरण पूर्ण होकर सीआरएस निरीक्षण कराने की तैयारी रेलवे के अधिकारी कर रहे हैं। सीआरएस की हरी झंडी मिलते ही नई लाइन पर ट्रेन चलने लगेगी।
पहले इस पर मालगाड़ी चलाई जाएगी और फिर यात्री ट्रेन चलेगी, साथ ही मल्हारगढ़ में दोनों प्लेटफार्म बनकर तैयार हैं। स्टेशन का नया भवन भी बन गया है। इस खंड के बीच 13 ब्रिज में से 1 बड़े व 1 छोटे ब्रिज का कुछ कार्य बाकी है, जो 10 दिन में पूर्ण हो जाएगा। ब्रिज व आसपास सहित कुछ जगह पटरी बिछाने का कार्य अंतिम चरण में है।
दोहरीकरण के तहत हर्कियाखाल व मल्हारगढ़ स्टेशन की नई बिल्डिंग बनाने और स्टेशन की लंबाई बढ़ाने, फुट ओवरब्रिज बनाने और इस खंड पर पड़ने वाले बड़े व छोटे मिलाकर 27 ब्रिज निर्माण होने थे।
हर्कियाखाल से मल्हारगढ़ के बीच केवल दो ब्रिज में थोड़ा बहुत काम बचा है। नीमच से हर्कियाखाल के बीच सीआरएस निरीक्षण हो गया है और अब नई लाइन पर सभी प्रकार की ट्रेनों का आवागमन शुरू हो चुका है। दूसरे चरण में हर्कियाखाल से मल्हारगढ़ के बीच करीब 12 किमी लंबी नई लाइन का कार्य भी पूरा हो गया है।
हर्कियाखाल से मल्हारगढ़ के बीच 3 बड़े व 10 छोटे ब्रिज का निर्माण हुआ है। इसमें चल्दू के पास रेतम नदी के ब्रिज और एक छोटे ब्रिज का कुछ काम बाकी है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार 7 से 10 दिन का काम बाकी है। नई लाइन के साथ ही इलेक्ट्रिफिकेशन भी साथ-साथ ही हो रहा है। इलेक्ट्रिक तार डालने सहित अन्य उपकरण लगाने व टेस्टिंग कार्य अंतिम चरण में है।