Fake Call Center Case: आरोपी के पास थी डीमैट अकाउंट वालों की लिस्ट, ठगी में एक्सपर्ट तीन लड़कियां देती थीं ट्रेनिंग
मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के शामगढ़ में बीते दिनों फर्जी कॉल सेंटर पकड़ाया था। मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं, लेकिन पता चला है कि कॉल सेंटर में लड़कियों की भर्ती होती थी। उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए भानपुरा से तीन लड़कियों को रोज कार से शामगढ़ लाया जाता था। ये तीन लड़कियां शुरू से आरोपियों के साथ काम कर रही थीं।
By Arvind Dubey
Publish Date: Tue, 19 Nov 2024 12:42:48 PM (IST)
Updated Date: Tue, 19 Nov 2024 04:45:33 PM (IST)
10 सालों से दोनों आरोपी यह काम कर रहे हैं। वे मध्य प्रदेश और राजस्थान के अलावा दूसरे राज्यों के लोगों को भी अपने जाल में फंसाते थे। HighLights
- दोनों मास्टरमाइंड पुलिस की गिरफ्त से बाहर
- काम करने वाली लड़कियों का रखते था ख्याल
- कंवला गांव की बदनामी से लोगों में नाराजगी
नई दुनिया, मंदसौर। मंदसौर जिले के शामगढ़ में पकड़ाए गए फर्जी काल सेंटर को लेकर साइबर सेल की जांच जारी है। अभी तक ठगे गए लोगों का आंकड़ा और राशि का कोई खुलासा नहीं हो पाया है।
मगर, पुलिस की जांच में जो बाहर आ रहा है, उसके अनुसार आरोपी कुशल केवट के पास डीमैट अकाउंट वाले लोगों की सूची थी। शेयर में फायदा दिलाने के नाम पर इन्हीं लोगों को कॉल किया जाता था।
कॉल सेंटर पर काम करने वाली नई लड़कियों को ट्रेनिंग देने के लिए तीन युवतियां भानपुरा से आती थीं। इसके लिए बकायदा शामगढ़ से कार इन्हें लेने भी जाती थी।
मास्टरमाइंड अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर
- मास्टरमाइंड गणेश केवट व कुशल केवट की तलाश अभी भी पुलिस कर रही है। साइबर सेल की जांच में यह भी पता चला है कि शामगढ़ में कॉल सेंटर पर जो 17 युवतियां मिली थी, उनमें से तीन युवतियां ट्रेनर हैं।
- इन तीनों ने गणेश केवट की कंपनी में शुरुआती दिनों में काम किया था। इसके बाद वह ठगी करने में ट्रेंड हो गई थी। कुशल केवट ने शामगढ़ में नया कॉल सेंटर शुरू किया, तो तीनों लड़कियों को भानपुरा से हर दिन शामगढ़ बुलाया जाता था।
- इनके लिए बाकायदा कार भेजी जाती थी। ये तीनों लड़कियां अन्य को ट्रेनिंग देती थीं। कंपनी में काम कर चुके एक युवक ने बताया कि कुशल कंपनी में काम करने वाली लड़कियों को छुट्टी वाले दिन आस-पास की अच्छी जगहों पर पिकनिक ले जाता था।
- महीने में 2 बार 4 दिन तक उनके रहने- खाने और घूमने का इंतजाम करता था। इसी युवक ने बताया कि पुरानी घटनाओं से सबक लेते हुए कुशल और गणेश ने मध्यप्रदेश और राजस्थान के किसी भी व्यक्ति से बात नहीं करने को कहा था।
गणेश को महाराष्ट्र पुलिस भी कर चुकी गिरफ्तार
ठगी करने वाले आरोपियों को खोजते हुए कुछ जगह की पुलिस भी कंवला गांव पहुंच चुकी है। इसमें गांव के एक व्यक्ति के घर पर लगे टॉवर की लोकेशन के आधार पर पुलिस उन्हें भी पकड़ गई थी।
दो महीने पहले इटारसी पुलिस भी इन्हें और फ्रॉड करने वाले लोगों को भानपुरा थाने लेकर गई थी। तब संबंधित ने बताया कि मेरा कोई लेना-देना नहीं है तो पुलिस ने छोड़ा। हालांकि कुछ घंटे बाद फ्राड करने वालों को भी छोड़ दिया।
ग्रामीण भी नाराज, कहा- ऐसे लोगों को आने नहीं देंगे
गांव के युवकों द्वारा कॉल सेंटर चलाकर लोगों को ठगने से कंवला की बदनामी हो रही है। अभी तक मिनी गोवा के नाम से पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रहे कंवला से जुड़ गए इस दाग से ग्रामीण खासे नाराज हैं।
ग्रामीणों के साथ ही वहां के सरपंच प्रतिनिधि जयसिंह गौड़ ने भी कहा कि गांव के लड़के इस तरह लोगों के साथ फ्रॉड कर रहे हैं इसकी जानकारी नहीं थी। यह गलत काम नहीं छोड़ेंगे तो हम गांव में नहीं घुसने देंगे।