नईदुनिया प्रतिनिधि, मंदसौर(Bhopal Drugs Factory)। भोपाल में छह अक्टूबर को पकड़ी गई एमडी ड्रग्स की फैक्ट्री के संचालन में गिरफ्तार मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के प्रेमसुख पाटीदार का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन निकला है। उसके बांग्लादेशी तस्करों से संपर्क का पता चला है। इससे बांग्लादेश तक ड्रग्स की तस्करी की आशंका व्यक्त की जा रही है।
पुलिस को जानकारी मिली है कि प्रेमसुख लंबे समय से अफीम व डोडाचूरा की तस्करी में सक्रिय था, पर वह स्थानीय पुलिसकर्मियों से गहरे संपर्क के कारण पकड़ में आने से बचता रहा। वह पश्चिम बंगाल से लगी बांग्लादेश की सीमा पर तस्कर से भी मिला था।
अभी तक की जांच में पता चला है कि बांग्लादेश का तस्कर मंदसौर जिले में आकर प्रेमसुख से मिला भी था। पुलिस लगातार प्रेमसुख का रिकॉर्ड जुटा चुकी है। पता लगा है कि गांव में वह स्वयं को आरएमपी डॉक्टर (रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर) बताता था।
पुलिस को उसके हतुनिया गांव के साथ ही शहर के मेघदूत नगर, गांधी नगर व दलौद में आलीशान ठिकानों का पता लगा है। एक घर में तो उसने मिनी होम थियेटर बना रखा था। बता दें कि एनसीबी और गुजरात एटीएस ने छह अक्टूबर को भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र बगरोदा में बड़ी मात्रा में एमडी ड्रग्स और उसे बनाने का कच्चा माल पकड़ा था।
इस मामले में नासिक के सान्याल बाने, भोपाल के अमित चतुर्वेदी और मंदसौर के हरीश आंजना को गिरफ्तार किया गया था। हरीश आंजना ने प्रेमसुख पाटीदार की संलिप्तता का खुलासा किया था। इसके बाद प्रेमसुख ने आत्मसमर्पण करने से पहले थाने पहुंचकर पूछताछ से बचने के लिए अपनी जांघ में गोली मार ली थी।
प्रेमसुख पाटीदार की मंदसौर में इलाज चल रहा है। बुधवार को भोपाल से एनसीबी की टीम उसे लेने पहुंची। डीआइजी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रेमसुख बांग्लादेशी तस्कर के संपर्क में आया था। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।
अपने ही वाहन से एमडी ड्रग्स लेकर जाते थे आरोपित, खुद नशे से रहे दूर
भोपाल में एमडी ड्रग्स की फैक्ट्री के माध्यम से नशे का कारोबार करने वाले अपने ही वाहन से दूसरे राज्यों तक ड्रग्स की आपूर्ति करते थे। उन्होंने एक बार भी ट्रासंपोर्ट, ट्रेन या अन्य की किसी सेवा का उपयोग इसके लिए नहीं किया था।
यह जानकारी मामले में गिरफ्तार आरोपितों से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा गई पूछताछ में सामने आई है। दरअसल, वह अपने वाहन से एमडी ड्रग्स लेकर जाना सुरक्षित मानते थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में आरोपितों ने यह भी बताया है कि वे भले ही नशे का कारोबार करते थे, पर खुद कोई नशा नहीं करते थे।