नईदुनिया,मंडला (Mandla News)। महामंडलेश्वर स्वामी आत्मानंद गिरी महाराज को पाकिस्तान से धमकी भरा फोन किया गया है। जान से मारने व सिर कलम कर टुकड़े करने की धमकी दी गई है। इसकी लिखित शिकायत निवास थाने में मंहामंडलेश्वर स्वामी ने की है।
जिले की निवास तहसील में स्वामी आत्मानंद गिरी महाराज श्रीराम कथा कह रहे हैं। यह धमकी उन्हें कई नंबरों से धमकी दी गई है। ये काल पाकिस्तान से आए थे। उन्हाेंने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है कि तहसील निवास में श्री राम कथा की जा रही है।
बोले-मैंने प्रवचन के दौरान वफ्फ वोर्ड की संपत्ति जिसमे इनके द्वारा जबरन भूमियों पर अतिक्रमण करना एवं अनैतिक पैसों का लेन देन करना, के संबंध में बताया गया था। निवास थाना प्रभारी वर्षा पटेल बोलीं-आवेदन प्राप्त हुआ है, जिसकी जांच की जा रही है।
महाराज ने कहा पहले बच्चों के नाम गुरुदेव रखते थे और आज कल बच्चों के नाम टीवी महारानी रखती हैं बच्चों के जन्म के पहले ही नाम रख लिया जाता हैं। निवास नगर के शतचंडी मैदान में चल रही नौ दिवसीय श्री राम कथा में भीड़ उमड़ रही है।
महामंडलेश्वर ने कहा कि विश्वास, श्रद्धा और भक्ति से ही ईश्वर प्राप्ति संभव है। मां दुर्गे की आराधना मातृशक्ति की आराधना है। मां दुर्गा चारों वर्णों की मां है। शेर की सवारी का अर्थ है हिंसक प्रवृतियों पर सवारी और उसका दमन करना।
विधा के साथ विवेक की भी आवश्यकता है। बिना विवेक के धन भी विनाशकारी है। भक्ति के लिए श्रद्धा और विश्वास दोनों का होना आवश्यक है। मानव जीवन भोग के लिए नहीं बल्कि योग के लिए है। मानव जीवन में विपत्तियों का सामना दृढ़ता पूर्वक करना चाहिए।
कहा कि संसार में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है ,जिसे जीवन में कभी मुसीबतों का ,विपत्तियों का सामना न करना पड़ा हो। दिन और रात के समान सुख दुख का कालचक्र सदा घूमता ही रहता है। जैसे दिन के बाद रात्रि का आना अवश्यंभावी हैं वैसे ही दु:ख के बाद सुख का भी आना अनिवार्य है।
महामंडलेश्वर ने कहा की बेटा भाग्य से होता हैं और बेटी बड़े सौभाग्य से होती हैं जब बेटा बाप का पिंड दान करता हैं तो मोक्ष होता हैं लेकिन अगर नाती अपने नाना का पिंड दान करता हैं तो मोक्ष नहीं परम मोक्ष मिलता है।
श्री राम कथा पर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने कथा पंडाल पर पहुंच कर कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी आत्मानंद गिरी जी महाराज से आश्रीवाद लिया साथ ही कथा का श्रवण भी किया।