PM Modi MP Visit Analysis: उज्ज्वल शुक्ला, खरगोन। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इस समय देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता सबसे अधिक है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के बाद जनता से सीधे जुड़ाव रखने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही हैं। बच्चों, बड़ों से लेकर बुजुर्ग, महिलाएं भी इनके प्रशसंकों में शामिल हैं। लोगों से 'कनेक्ट' यूं ही नहीं हो जाता है, बल्कि लोगों से 'कनेक्ट' होना पड़ता है।
मंगलवार को पीएम मोदी खरगोन में जनसभा को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने भारत माता की जय के बाद नर्मदे हर का नारा लगवाया। इसके बाद कुछ वाक्य निमाड़ी बोली में कहे। एक दिन पूर्व खरगोन के सेगांव में हुई कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सभा में उनकी जनता से खुद को जोड़ने का कोई प्रयास नजर नहीं आया था।
राहुल गांधी ने सिर्फ प्रत्याशी को वोट देने की अपील करने के अलावा अपने भाषण में खरगोन का जिक्र नहीं किया। इसके विपरीत मोदी के भाषण में मां नर्मदा का जिक्र था, खुद के खरगोन आने का जिक्र था। खरगोन की सिंचाई परियोजनाओं का उल्लेख था, तो कुछ स्थानीय महत्व की बातें भी थी। एक नेता और जनता के बीच क्या रिश्ता होना चाहिए, इस बात को मोदी समझते हैं।
हमारे देश में कई भाषा और बोलियां है, हर भाषा बोलना और समझना तो संभव नहीं है, पर आप जहां जा रहे हैं, यदि वहां की भाषा में दो बोल भी कह देंगे, वो वहां के लोग आपके मुरीद हो जाएंगे। इस बात को मोदी भलीभांति जानते हैं इसलिए वह खरगोन में निमाड़ी में बोल गए। स्थानीय बोली में बात करने से लोगों को लगता है कि ये अपने ही बीच का कोई आदमी है।
पीएम नरेन्द्र मोदी यह बात भी समझते हैं कि कहां लोग कौन से नारे से खुश होंगे। खरगोन में कुछ वर्ष पूर्व दंगे हुए थे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मोदी ने यहां पर जय श्रीराम का नारा भी लगवा दिया। राहुल गांधी के भाषण में जनता से जुड़ाव का कोई उपक्रम नजर नहीं आता है। उन्होंने अपनी सभा के बाद सेगांव में लालबाई-फूलबाई माता के मंदिर में दर्शन जरूर किए थे, पर वह अपने भाषण में लालबाई-फूलबाई माता का जिक्र नहीं कर सके थे।
मोदी जहां जाते हैं, वहां स्थानीय महापुरुषों, देवियों, बलिदानियों का उल्लेख जरूर करते हैं। खरगोन में उन्होंने देवी अहिल्या के साथ ही कई आदिवासी गौरवों के नाम लिए। अपने आपको नर्मदा पट्टी का बताते हुए कहा कि नर्मदा के किनारों पर हमेशा से देने की परंपरा रही है, मैं आपसे वोट मांगने आया हूं, तो आप मुझे निराश नहीं करेंगे।
सभा के दौरान एक छोटी बच्ची पोस्टर लिए नजर आई तो उससे भी खुद को कनेक्ट कर लिया। इतनी छोटी गुड़िया भी सभा में आई है। यह वर्ष 2047 की वोटर है। अभी से इसकी तैयारी कर रही है। मोदी अपने भाषण में लोगों से बातचीत करते हैं, वे कहते हैं कि आप ऐसा करोगे, आप ऐसा होने देंगे, आप इनको आने दोगे, इस तरह का संवाद एक नेता को लोगों से कनेक्ट करता है।
मोदी हमेशा जनता को राष्ट्र के प्रति जवाबदेह बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। भारत माता की जय से भाषण की शुरुआत करना, इसी नीति का हिस्सा है। ये कुछ बातें बताती है कि मोदी खुद को जनता से जोड़ने में कितने माहिर हैं।