नईदुनिया प्रतिनिधि, खरगोन (Makke Ki Fasal)। खरगोन जिले के खरगोन व गोगावां तहसील में 208 किसानों ने 2300 एकड़ में लगाई मक्का फसल खराब हो गई थी। किसानों ने कृषि अधिकारियों व कलेक्टर को शिकायत की थी। शिकायत के बाद जांच हुई। इसमें शिकायत सही पाई गई।
इसके चलते कृषि विभाग ने एडवांटा मक्का बीज कंपनी पर टांडाबरूड़ थाने में एफआईआर कराई है। इसमें बीज अधिनियम व आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया है। उमरखली, देवली कोठा बुजुर्ग आदि गांवों में किसानों ने एडवांटा बीज का मक्का लगाया था। किसान दशरथ राठौड, कैलाश चौहान, नरेंद्र राठौड़ के अनुसार मक्का बीज में अफलन की स्थिति बनी है।
खेतों में दो से तीन इंच के भुट्टे ही लगे थे। कई जगह पर एक भुट्टे में कुछ ही दाने निकले थे। जांच के बाद बीज गुणवत्ताहीन पाए जाने पर एडवांटा कंपनी के फौजान अनीक गुलाम रहमान आवश्यक वस्तु अधिनियम व बीज अधिनियम की धाराओं के तहत टांडाबरुड़ थाने पर प्रकरण दर्ज किया गया है।
उधर, मामले में कपास बीज जांच में गुणवत्ताहीन पाए जाने पर कसरावद थाने पर संबंधित के विरूद्ध प्रकरण दर्ज है। उक्त दोनों मामलों ने प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू की है। शिकायत करने और भी किसान आगे आ रहे हैं।
केस में दो किस्म के बीज का उल्लेख टांडाबरुड़ थाने पर सोमवार शाम को हुई एफआईआर में फौजान अनीक गुलाम रहमान निवासी वार्ड नंबर 73 न्यू वार्ड जबलपुर के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 व 7 सहित बीज अधिनियम की धारा 7 (बी) के तहत केस दर्ज किया है। एफआईआर में एडवांटा कंपनी की मक्का बीज की पीएसी-751 किस्म सहित एक अन्य किस्म पीएसी-741 का भी उल्लेख है।
दोनों तहसील के करीब 12 गांवों में किसानों ने एडवांटा कंपनी की पीएसी-751 किस्म बीज लगाया था। इनमें कोठा बुजुर्ग, देवली, उमरखली, टांडाबरुड़, कुम्हारखेड़ा, नागझिरी सहित खरगोन व गोगावां तहसील के 10-12 गांव शामिल हैं।
कसरावद के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी बृजेंद्र सेंगर ने बताया कि किसानों की शिकायत के बाद जांच हुई। इसमें कपास बीज अमानक पाया गया। संबंधित कंपनी संचालक के विरूद्ध एफआइआर दर्ज करवाई गई है।
कसरावद में प्रवर्धन सीड्स प्राइवेट लिमिटेड इंदौर का कपास बीज किस्म पीआरसीएच 331 बीजी 2 लाट नंबर जीकेएन 421299 का सैंपल लिया गया था। जांच में बीज का एक नमूना अमानक मिला है। कसरावद की यादव कृषि सेवा केंद्र फर्म का लाइसेंस निरस्त किया गया है।