Khargone Violence: मौत को सामने देखकर घर के सदस्यों को पिला दिया था गंगा जल
Khargone Violence: शोर न हो, इसलिए मैंने अपने 18 माह के बेटे का मुंह दबाया।
By Prashant Pandey
Edited By: Prashant Pandey
Publish Date: Sun, 17 Apr 2022 11:52:17 AM (IST)
Updated Date: Sun, 17 Apr 2022 11:55:15 AM (IST)
Khargone Violence: विवेक पाराशर, खरगोन। रामनवमी पर 10 अप्रैल का खौफनाक मंजर हमारा परिवार पूरी जिंदगी भूल नहीं सकता है। घर से लगे मुस्लिम क्षेत्र के करीब 200 लोगों ने हमारे यहां हमला बोल दिया। लोहे की जाली का दरवाजा खोल दिया और लकड़ी के दरवाजे पर बड़े-बड़े पत्थर बरसाए। पहले पेट्रोल बम से आग लगाने की कोशिश की, फिर विद्युत मीटर को तोड़ स्पार्किंग कर आग लगाने की कोशिश की। इस दौरान मैं, मेरी पत्नी, बेटा और वृद्ध मां घर पर थे। 18 माह का बेटा जय शोर ना कर दे इसलिए मैंने उसका मुंह दबाया। यही घटनाक्रम 30 साल पहले जब मैं चार साल का था, हुआ था। उस समय भी दंगाई बाहर से हमला कर रहे थे और जब मैं खिड़की से झांकने गया तो पिता ने मुंह दबा दिया था, ताकि शोर से बाहर पता ना चल जाए कि अंदर कोई है।
इस बार बाहर हो रहे उत्पात से यूं लगा कि अब हम नहीं बचेंगे। इसके चलते मैंने पूरे परिवार को गंगा जल पिला दिया और खुद भी पी लिया, ताकि हिंदू मान्यता के अनुसार मरने से पहले मुंह में गंगा जल हो तो मोक्ष मिल जाए। यह ईश्वर की ही कृपा थी कि हम बच गए। इस खौफनाक मंजर की कहानी नईदुनिया को शहर के जमींदार मोहल्ला निवासी 34 वर्षीय नीरज भावसार ने सुनाई। नीरज ने बताया कि रामनवमी के दिन माता पूजन होने से मैं घर ही था।
शाम को बाहर खड़ा था और मोबाइल पर तालाब चौक में कुछ विवाद होने की सूचना मिली। घर में पत्नी दिव्या, बेटा जय और मां शिरोमणी भावसार मौजूद थे। इस दौरान पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम परिवार के लोग भी बाहर ही थे, तो मैंने उन्हें कहा कि अंदर हो जाओ, माहौल बिगड़ रहा है, लेकिन कुछ देर बाद पड़ोसी ही दंगाइयों के साथ मिलकर मेरे घर पर पथराव कर रहे थे, जबकि न तो मैं शोभायात्रा में गया था और न ही हमारी किसी से दुश्मनी है।