नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। प्राचीन राम मंदिर के जीर्णोद्धार पर रोक लगाने के विरोध में गांव के लोग ढोलक और झांझ बजाते हुए आरती लेकर जनसुनवाई में पहुंच गए। महिलाओं ने हाॅल में बैठे एसडीएम बजरंग बहादुर की आरती उतारी और प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई का विरोध जताया। दरअसल सहेजला गांव में वर्षों पुराने श्रीराम मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य को नायब तहसील कोर्ट से नोटिस जारी कर बंद करवा दिया गया था, जिसके विरोध में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया।
ग्राम सहेजला निवासी रमेश पुत्र रामाधार और श्याम पुत्र रमेश ने कुछ महीनों पूर्व तहसील कार्यालय से कलेक्टर कार्यालय तक लोट लगाते हुए अपनी जमीन पर मंदिर निर्माण होने की शिकायत पर कार्रवाई की मांग की थी। यह मामला सुर्खियों में आया था। इसी मामले में सुनवाई करते हुए नायब तहसील कोर्ट ने 18 अक्टूबर को गांव के कामल, महेंद्र , श्या सिंह, जयंत सिंह, योगेश पालीवाल को नोटिस जारी किया है।
जारी किए गए नोटिस में उल्लेख किया गया है कि आवेदक रमेश और श्याम ने आवेदन पत्र प्रस्तुत कर बताया है कि उनकी भूमि के संबंध में बंदोबस्त वर्ष 1985-86 के दरमियान के समय रकबे एवं खसरा नंबर में हुई त्रुटि के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष रिकार्ड दुरूस्ती का प्रकरण विचाराधीन है।
प्रकरण का वर्तमान में निराकरण नहीं होने की स्थिति में निर्माणाधीन मंदिर का कार्य रोके जाने का अनुरोध किया है। ऐसे में आवेदन के संबंध में 23 अक्टूबर 2024 तक अपना जवाब प्रस्तुत करें, ताकि नियमानुसार कार्रवाई की जा सके।
नायब तहसीलदार के इसी नोटिस के विरोध में ग्रामीण जनसुनवाई पहुंचे और विरोध जताया। महिलाओं ने भजन भी गाए। ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर 70 वर्ष पुराना है, जो शासकीय भूमि पर बना है। एसडीएम बजरंग बहादुर ने मामले में दोबारा जांच का आश्वासन दिया है।