ओंकारेश्वर, नईदुनिया प्रतिनिधि। एक पखवाड़े से ओंकारेश्वर बांध की एक टरबाइन चलाकर नर्मदा में भरपूर पानी छोड़ा जा रहा है। लोगों का कहना है कि महापर्वों के दौरान भी नर्मदा सूखी रहने के कारण लोगों को स्नान करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। काफी मशक्कत के बाद सिंचाई के लिए मुख्य नहरों में हाल ही में पानी छोड़ा गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य उद्देश्य ओंकारेश्वर बांध का पानी गुजरात के सरदार सरोवर तक पहुंचाना है।
नर्मदा रक्षा मंच के प्रदीप ठाकुर ने बताया कि ओंकारेश्वर के साथ मोरटक्का खेड़ीघाट तक एक पखवाड़े पूर्व नर्मदा डबरों में तब्दील हो गई थी। पानी नहीं होने के कारण स्थानीय के साथ ही बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भी स्नान करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लोग चट्टानों के बीच जमा पानी में स्नान करने को मजबूर थे। उन्होंने बताया कि नगर के लोगों द्वारा नर्मदा में पानी छोड़ने की मांग को लेकर पूर्व में तीन माह तक चरणबद्ध आंदोलन किया गया था। इस दौरान महापर्वों पर भी नर्मदा में पानी नहीं छोड़ा गया।
बांध में पानी कम, फिर क्यों छोड़ा जा रहा पानी
बांध प्रबंधन का कहना था कि कम बारिश होने से बांध में पर्याप्त मात्रा में पानी एकत्रित नहीं हुआ है। इस कारण नर्मदा नदी की अविरल धारा को मूल स्वरूप में लौटाने में परेशानी आ रही है। ठाकुर ने बताया क्षेत्र के किसान भी लंबे समय से सिंचाई के लिए नहरों में पानी छोड़ने की मांग कर रहे थे। कपास और अरबी की फसलें प्रभावित होने लगी थी। काफी प्रयासों के बाद कुछ दिन पूर्व ही नहरों में पानी छोड़ा गया है। जब बांध में पानी कम है तो ओंकारेश्वर बांध से एक टरबाइन चलाकर काफी मात्रा में पानी नर्मदा में कैसे छोड़ा जा रहा है। चरणबद्ध आंदोलन करने के बाद भी नर्मदा में कभी इतना पानी नहीं छोड़ा गया।
मातृरक्षा सेवा संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि आठ माह पूर्व गुजरात चुनाव के दौरान एक पखवाड़े तक लगातार पानी छोड़कर सरदार सरोवर बांध भरवाया गया था। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। वर्तमान स्थिति में सरदार सरोवर बांध में पानी की काफी कमी है। पूरे प्रदेश में सिंचाई के लिए बिजली की अतिरिक्त मांग भी नहीं है। ओंकारेश्वर क्षेत्र के किसान आखातीज के समय ही गर्मी का कपास लगा देते हैं। सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने के कारण किसान कपास लगाने में पिछड़ गए। इससे पूरी तरह स्पष्ट है कि ओंकारेश्वर बांध का पानी सरदार सरोवर में पहुंचाया जा रहा है। बांध प्रबंधन को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि नर्मदा में बराबर पानी रहे जिससे किसानों के साथ ही लोगों को स्नान करने में कोई परेशानी नहीं हो।
मलबा हटने से बहाव तेज
ओंकारेश्वर बांध की एक टरबाइन संचालित की जा रही है। इससे 225 क्यूमैक्स पानी नर्मदा में छोड़ा जा रहा है। बांध के सामने जो मलबा पड़ा था उसे हटा दिया गया है। पॉवर हाउस से लेकर ब्रह्मपुरी घाट की तरफ चैनल का काम पूर्ण हो चुका है। कावेरी नदी की ओर जाने वाला पानी का 75 प्रतिशत हिस्सा ओंकारेश्वर मंदिर की ओर मोड़ दिया गया है। इससे नर्मदा में भरपूर पानी बहने लगा है।-एस सोलंकी, वरिष्ठ प्रबंधक, एनएचडीसी