Water Crices in Khandwa: खंडवा। खंडवा शहर में पेयजल की भरपूर व्यवस्था होने के बाद भी वितरण की गड़बड़ी के कारण लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। पेयजल संकट से त्रस्त दो वार्डों के लोगों ने सोमवार को नगर निगम में हंगामा कर दिया। यहां आक्रोशित महिलाओं ने नगर निगम की चौखट पर मटके फोड़ते हुए आक्रोश जताया। खंडवा नगर निगम आयुक्त नीलेश दुबे ने लोगों को आश्वासन दिया है कि पेयजल वितरण में जहां भी गड़बड़ी हो रही है, उसे दुरुस्त किया जाएगा।
खंडवा शहर के भवानी माता वार्ड और पदम कुंड वार्ड के रहवासी सोमवार को नगर निगम कार्यालय पहुंचे। यहां उनके साथ नेता प्रतिपक्ष दीपक मुल्लू राठौर सहित कांग्रेस के अन्य पार्षद मौजूद रहे। नगर निगम कार्यालय के बाहर जल संकट से त्रस्त लोगों ने नगर निगम मुर्दाबाद के नारे लगाए। जब निगमायुक्त दुबे केबिन से बाहर आए तो महिलाओं ने वार्डों में पानी की समस्या बताई।
मध्य प्रदेश के खंडवा में पानी की किल्लत से परेशान लोगों ने नगर निगम के दफ्तर में फोड़ दिए मटके https://t.co/svlGWO1pkY#MadhyaPradesh #Khandwa #Naidunia pic.twitter.com/11CpHOKtCa
— NaiDunia (@Nai_Dunia) June 19, 2023
वार्ड वासियों ने कहा कि हमें टैंकरों से पानी नहीं चाहिए। हमारे क्षेत्र में नलों से पानी दिया जाए। कुछ क्षेत्रों में नलों में प्रेशर से पानी नहीं आ रहा है। बार-बार शिकायत करने के बाद भी किसी तरह की सुनवाई नहीं हो रही है। निगमायुक्त को पदमकुंड वार्ड के रहवासियों ने कहा कि हम दो महीने पहले भी आपको समस्या बताने के लिए आए थे। आपने आश्वासन दिया था लेकिन अब तक पेयजल की समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है।
लोगों की समस्या सुनने के बाद निगमायुक्त केबिन में चले गए। इसके कुछ ही देर बाद महिलाओं ने आक्रोश जताते हुए निगम कार्यालय की चौखट पर मटके फोड़ दिए और गुस्सा जताते हुए निगमायुक्त के केबिन में पहुंच गईं। यहां भी महिलाओं ने पेयजल समस्या के साथ ही वार्डों में सफाई नहीं होने की शिकायत की।
निगमायुक्त ने आश्वासन दिया है कि एक दिन के भीतर संबंधित वार्डों में पेयजल समस्या का निराकरण कर दिया जाएगा। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष दीपक राठौर ने कहा कि नगर निगम के परिषद को गठित हुए छह महीने से अधिक बीत गए हैं।
अब तक शहर में किसी तरह का विकास नहीं हुआ है। वार्डों में निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं। करोड़ों की नर्मदा जल योजना सहित अन्य संसाधन जुटाने के बाद भी शहर वासियों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। लगभग 15 वार्डों में जल संकट की स्थिति बनी हुई है।