Omkareshwar Temple : हरीश शर्मा। ओंकारेश्वर देश के द्वाद्वश ज्योतिर्लिंग में शुमार नर्मदा नदी के किनारे स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में जगह की कमी को देखते हुए पांच मंजिला भव्य प्रतीक्षा कक्ष और रैंप का निर्माण किया जा रहा है। इसमें एक साथ पांच हजार श्रद्धालु प्रवेश कर सकेंगे। कोटितीर्थ घाट से मंदिर को जोड़ने वाले इस रैंप का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। सावन माह तक यह पूर्ण हो जाएगा।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के ठीक सामने कोटितीर्थ घाट से लेकर मंदिर के परिसर तक चार करोड़ की लागत से केंद्रीय प्रसादम् योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा श्रद्धालु की सुविधा के लिए प्रतीक्षा कक्ष व रैंप का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को इससे काफी सुविधा होगी। पांच मंजिला वेटिंग हॉल रैंप को पांच स्थानों पर मंदिर से जोड़ा गया है। साधारण द्वार, वीआईपी लकड़ी द्वार व अभिषेक परिसर तक श्रद्धालुओं को आवाजाही में आसानी होगी।
वहीं मंदिर परिसर में भी एकत्रित होने वाली भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। प्रतीक्षा कक्ष व रैंप को पूर्ण रूप से गुलाबी रंग के पत्थरों से मंदिर की तरह ही बनाया जा रहा है। भवन में कुल 65 पिलर बनाए गए हैं। इनमें भी लाल पत्थर लगाया जा रहा है। इसके साथ ही पूरे रैंप पर ग्रेनाइट लगाकर अति सुंदर बनाया जा रहा है। इसकी लंबाई करीब 800 मीटर है। ओंकारेश्वर आने वाले श्रद्धालुओं को दूर से ही यह मंदिर की तरह ही दिखाई देगा।
पथगामी पुल से जुड़ा होगा भवन
मंदिर की सीईओ और एसडीएम ममता खेड़े ने बताया कि भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर दर्शन करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं, कोटितीर्थ घाट पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं और शिवपुरी मुख्य बाजार से आने वाले श्रद्धालुओं को इसी भवन के अंदर से निकालकर मंदिर के साधारण और वीआईपी द्वार तक पहुंचाकर दर्शन करवाए जाएंगे। इस भवन को नए झूला पुल से मंदिर तक पहुंचने वाले पथगामीपुल से भी से जोड़ा गया है।
भगवान आदि शंकराचार्य गुफा के ऊपर से एक छोटा पथगामी पुल बाहेती धर्मशाला से चक्रतीर्थ घाट तक श्रद्धालुओं के पहुंचने के लिए बनाया जा रहा है। मंदिर के साधारण द्वार से भीड़ बढ़ने पर श्रद्धालुओं को सीधे छोटे पुल से चक्रतीर्थ घाट तक पहुंचा दिया जाएगा प्रत्येक मंजिल पर एक हजार वर्गमीटर का हॉल मध्यप्रदेश पर्यटन विकास विभाग ने इसे बनाने के लिए ठेकेदार को दो वर्ष का समय दिया था।
मार्च के अंतिम सप्ताह में इसे बनाकर विभाग को सौंपना था। ठेकेदार द्वारा युद्धस्तर पर दिन-रात काम करवाया जा रहा है। इस भवन की विशेषता है कि इसके प्रत्येक पिलर को एक-दूसरे से जोड़ा गया है ताकि नर्मदा नदी की बाढ़ में किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो।
पांच मंजिला भवन के प्रत्येक फ्लोर पर एक हजार वर्गमीटर का हॉल भी बनाया गया है। इसमें बैठकर हजारों श्रद्धालु दर्शन करने के दौरान आराम भी कर सकते हैं। रैंप की फ्लोरिंग में ग्रेनाइट की पट्टी लगने से यहां फिसलने की आशंका नहीं रहेगी। मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद श्रीजी मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा। उसकी देखरेख की जवाबदारी मंदिर ट्रस्ट की ही रहेगी।
इनका कहना है
पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों को वेटिंग हॉल व रैंप निर्माण का कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। मंदिर ट्रस्ट को हस्तांतरण होने के बाद इसका उपयोग शुरू कर दिया जाएगा। इससे श्रद्धालुओं को भी दर्शन करने में आसानी होगी। वहीं मंदिर ट्रस्ट अधिक से अधिक लोगों को दर्शन करवा पाएगा।
-ममता खेड़े, सीईओ ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट व एसडीएम पुनासा