Omkareshwar News: खंडवा,ओंकारेश्वर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। ओंकारेश्वर में तीन दिन पूर्व हुई नाव दुर्घटना में लापता कार्तिक बेलड़िया का 48 घंटे बाद भी सुराग नहीं लग सका है। होमगार्ड के गोताखोर और एमपीटी की स्कूबा डायविंग टीम दो दिन तलाश करने के बाद बुधवार को स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रिस्पांस फोर्स (एसडीइआरएफ) इंदौर की टीम द्वारा कोटितीर्थ घाट के समक्ष नर्मदा की गथाह गहराई में तलाश की गई।
यहां गहराई अधिक होने से स्कूबा डाइविंग टीम को भी कोई सफलता नहीं मिल सकी है। हादसे में जान गंवाने वाले डेढ़ वर्षीय दक्ष पुत्र कार्तिक का शव उसके परिजन अंतिम संस्कार के लिए गुजरात लेकर लौट गए हैं। वहीं कार्तिक की पत्नी और परिवार के कुछ सदस्य ओंकारेश्वर में ही रूके हैं।
दुर्घटना के बाद से थाना प्रभारी बलजीत सिंह बिसेन के नेतृत्व में सर्चिंग दल लगातार मां नर्मदा में गुजरात के पुलिस जवान कार्तिक की तलाश कर रही है। कार्तिक और उनकी पत्नी टिंक्कल दोनों गुजरात पुलिस में कांस्टेबल के पद पर पदस्थ हैं। हादसे की जानकारी के बाद बड़ोदरा पुलिस अधीक्षक द्वारा गुजरात से भी कुछ पुलिसकर्मी ओंकारेश्वर मदद के लिए भेजे गए हैं। वे भी लगातार मां नर्मदा में कार्तिक की तलाश कर रहे हैं।
होमगार्ड के जिला कमांडेंट आरकेएस चौहान का कहना है कि जहां पर हादसा हुआ वहां पर नर्मदा नदी की गहराई का पता नहीं लग पा रहा है। इस कारण सर्चिंग टीम 150 से 170 फीट तक नीचे जाकर खाली हाथ लौट रही है। टीम तल तक सर्चिंग टीम नहीं पहुंच पा रही है।
दो दिनों से खंडवा और इंदौर की एसडीइआरएफ टीम के नौ सदस्य लगातार तलाश में जुटे हैं। बार-बार गोता लगाने और ड्राय आक्सीजन के कारण गोताखोरों के गले में खराश और तकलीफ हो रही है। कोटितीर्थ घाट पर नर्मदा की गहराई 250 फीट से अधिक है। जबकि ब्रम्हपुरी घाट के आसपास 400 फीट से अधिक होने का अनुमान है। स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रिस्पांस फोर्स इंदौर के प्लाटून कमांडर अविनाश दिनकर, प्रधान आरक्षक मौकाते विविजन गुंजल, सुभाष ,आरक्षक राजेंद्र शुक्ला और सचिन मौर्य श्रद्धालु कार्तिक की तलाश में जुटे हैं।
गहराई की वजह से शव ऊपर आने में लगेगा समय
जिला होमगार्ड कमांडेंट चौहान का कहना है कि ओंकारेश्वर में जिस जगह नाव दुर्घटना हुई वहां गहराई अधिक होने से हादसे के बाद शव को उपर आने में समय लगता है। आमतौर पर नदी, कुएं और तालाब में डूबने पर सामान्य परिस्थिति में शव 48 घंटे में उपर आ जाता है। ओंकारेश्वर में गहराई के अलावा नीचे पानी अत्यधिक ठंडा होने के साथ ही नीचे पानी स्थिर रहता है। ऐसे में शव जल्द डिकंपोज भी नहीं होता है। हलचल नहीं होने से तल में पड़ा रहता है। इसलिए यहां शव को उपर आने में समय लगता है।
विदित हो कि सोमवार को ओंकारेश्वर दर्शन के लिए गुजरात के भावनगर से आया रश्मिन पुत्र हिम्मतलाल व्यास का परिवार नर्मदा में नाव पलटने से हादसे का शिकार हो गया था। नाव में रश्मिन व्यास के अलावा बेटा निकुंज, बहू वाणी, बेटी टिवंक्कल, दामाद कार्तिक तथा पोता दक्ष सवार था।
हादसे में बालक दक्ष की मौत और दामाद कार्तिक लापता हो गया था। बुधवार शाम छह बजे तक भी कार्तिक का पता नहीं सका है। दो दिन से बेटे का शव लेकर कार्तिक के मिलने का इंतजार कर रहा परिवार बुधवार को बेटे दक्ष का शव अंतिम संस्कार के लिए अपने पैतृक गांव भावनगर रवाना हो गया। कार्तिक के अन्य रिश्तेदार ओंकारेश्वर में रूके हुए हैं।