Omkareshwar News: ओंकारेश्वर (नईदुनिया न्यूज)। ओंकारेश्वर में ओंकार पर्वत सहित आसपास के क्षेत्र में अज्ञात बीमारी या वायरस की वजह से श्वानों की मौत हो रही है। लगातार हो रही मौत से स्थानीय लोग दहशत में हैं। इलाके में अब तक 20 से ज्यादा श्वान की मौत हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अचानक बीमारी फैली और श्वानों ने खाना-पीना छोड़ दिया। फिर धीरे-धीरे उनकी मौत हो रही है। प्रशासन को इसकी जानकारी देने पर पशु चिकित्सक को सूचना देने की बात कही गई है। सोमवार को सुबह से ही श्वानों की मौतों का सिलसिला शुरू होने पर नगर परिषद द्वारा इन्हे उठाने की कार्रवाई की गई। नगर परिषद के दरोगा गोविंदा हटवाल ने बताया कि मैं अभी तक मृत मिले 12 से अधिक श्वान को फेंक चुका हूं। सीएमओ मोनिका पारदी ने बताया कि पशु चिकित्सक को सूचना दे दी है। जांच के बाद ही वे बता पाएंगे कि किस बीमारी से श्वान की मौत हो रही है।
मोरटक्का- ओंकारेश्वर मार्ग पर ग्राम कोठी के निकट अज्ञात वाहन की टक्कर से तीन वर्षीय मादा तेंदुए की मौत हो गई। वन विभाग द्वारा शव का पोस्टमार्टम कर वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में जंगल में शवदाह किया गया। दुर्घटना सोमवार मध्य रात की बताई जा रही है। वन विभाग द्वारा वाहन की तलाश की जा रही है। गर्मी शुरू होते ही जंगली जानवरों का मूवमेंट बढ़ गया है। जंगल से आसपास के गांवों और बस्तियों में तेंदुआ नजर आने से ग्रामीणों व किसानों में दहशत है। एक सप्ताह पूर्व मूंदी के निकट तेलियामाल और चांदेल तालाब के पास तेंदुआ खेत में काम कर रहे किसान पर हमला कर चुका है। इसे पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा क्षेत्र में कैमरे लगा कर नजर रखी जा रही है। सोमवार को वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने तेलियामाल पहुंच कर निरीक्षण भी किया। बताया जाता है कि 24 घंटे में किसी भी कैमरे में तेंदुए की हरकत कैद नहीं हुई है।
खालवा क्षेत्र के जाईबाई जंगल में सोमवार रात को वन विभाग के गश्ती दल को तेंदुआ नजर आने से ग्रामीणों में खौफ है। वन विभाग के एसडीओ मानसिंह खराड़ी ने बताया कि रात्रि गश्त के दौरान टीम को बोबड़ाबेडा के पास तेंदुआ नजर आया है। ग्रामीणों को अकेला जंगल में नहीं जाने की समझाइश दी गई है।
सीसीएफ की मौजूदगी में किया शवदाह
तेंदुए का पोस्टमार्टम खंडवा से आए पशु चिकित्सक डा. अक्षय निगम, डा. ज्योति फावरे और डा. दिनेश पिपले की टीम द्वारा किया गया। इस मौके पर सीसीएफ आरपी राय, डीएफओ देवांशु शेखर उपस्थित थे। ओंकारेश्वर-मोरटक्का मार्ग पर तेंदुए की दुर्घटना में मौत से क्षेत्र में जंगली जानवर की उपस्थिति के चलते स्थानीय रहवासियों में भय का वातावरण निर्मित हुआ है। वैसे ओंकारेश्वर के आसपास सघन जंगल में वन्य प्राणी सड़कों पर रात के समय नजर आ चुके है। डूकिया क्षेत्र में मादा के साथ दो बच्चे नजर आए डूकिया ग्राम के एक आदिवासी ने बताया कि एक मादा तेंदुआ भी जंगल में अपने दो बच्चों के साथ लोगों को दिखी थी। उसने करीब 15 दिन पहले दो बच्चों को जन्म दिया है। डुकिया के पास पहाड़ के पीछे जंगल में अपने बच्चों के कारण वह तीन-चार दिन से आसपास ही भटक रही है। -
तेंदुए की वाहन से टकराने से मौत होना पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है। नेशनल टाइगर कंर्जवेशन अथारिटी द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया है। इस क्षेत्र में वन्य प्राणी बड़ी संख्या में है। लोगों को सतर्कता बरतने की समझाइश दी है। - देवांशु शेखर, डीएफओ, खंडवा