MP Gehu Rate: गोविंद गीते, खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दिए जाने की वजह से कृषि उपज मंडी में गेहूं के भाव घटते जा रहे हैं। एक माह की स्थिति देखें तो गेहूं के भाव में साढ़े नौ सौ रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। एक फरवरी को मंडी में गेहूं उच्चतम 3112 रुपये क्विंटल तक बिका था। वहीं एक मार्च को उच्चतम भाव 2160 रुपये क्विंटल रहा। पिछले दिनों ही किसानों ने गेहूं के भाव में कमी की वजह से मंडी में हंगामा किया था। शुक्रवार को मंडी में गेहूं की आवक 20 हजार क्विंटल की हुई।
गेहूं उच्चतम 2175 रुपये क्विंटल में बिका। जबकि न्यूनतम भाव 1726 और माडल भाव 2050 रुपये क्विंटल रहा। हालांकि सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य 2125 रुपये क्विंटल से अधिक भाव में गेहूं मंडी में बिक रहा है। बावजूद इसके किसान संतुष्ट नहीं हैं। किसान संघ ने मांग उठाई है कि किसानों का गेहूं यदि तीन हजार रुपये क्विंटल से कम में बिकता है तो उसे एक हजार रुपये प्रति क्विंटल का बोनस सरकार द्वारा दिया जाए।
- 328 क्विंटल गेहूं की आवक एक फरवरी को
- 17000 क्विंटल रही गेहूं की आवक 1एक मार्च को
- 152651 क्विंटल गेहूं की आवक हुई एक महीने में
- 2160 रुपये क्विंटल था एक फरवरी को गेहूं का भाव
- 3112 रुपये क्विंटल रहा एक मार्च को गेहूं का भाव
- 1 लाख 75 हजार 500 हेक्टेयर था पिछले वर्ष गेहूं का रकबा
- 1 लाख 87 हजार 240 हेक्टेयर है इस साल गेहूं का रकबा
- 2125 रुपये क्विंटल है इस साल गेहूं का समर्थन मूल्य
- सरकार एक तरफ कहती है कि हम किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं और दूसरी ओर गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी गई है। सरकार की कथनी और करनी में अंतर साफ नजर आ रहा है। हम चाहते हैं कि तीन हजार रुपये क्विंटल से कम भाव में यदि किसान की उपज खरीदी जाती है तो उसे एक हजार रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाए। - सुभाष पटेल, उपाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ
- मंडी में अच्छी क्वालिटी वाला किसानों का गेहूं समर्थन मूल्य से अधिक भाव में नीलाम हो रहा है। हमारा प्रयास रहता है कि मंडी में आने वाले किसानों को उनकी मेहनत का वाजिब दाम मिले। - ओपी खेड़े, सचिव, कृषि उपज मंडी