ओंकारेश्वर (नईदुनिया न्यूज)। नर्मदा में उफान और बाढ़ से बस्तियों में पानी भर गया है, इससे कई मकान धराशायी हो गए हैं। बड़ी संख्या में नुकसान हुआ है। कई परिवार बेघर हो गए हैं। गरीब परिवारों के पास एक वक्त का भोजन भी नहीं बचा है। बाढ़ में सामान बह जाने से रोजी-रोजगार ठप हो गया है। प्रभावित लोगों ने बांध से एकाएक इतनी मात्रा में पानी छोड़ने से यह हालात बनने के आरोप लगाते हुए जल्द राहत देने की मांग की है।
नगरवासियों ने ओंकारेश्वर बांध के प्रबंधन और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि ओंकार पर्वत पर एकात्मधाम में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के लोकार्पण समारोह की वजह से पानी नहीं छोड़ा गया। वर्षा की वजह से ऐन वक्त पर पानी छोड़ने से हालात अधिक बिगड़े। समाजसेवी सत्यनारायण अग्रवाल, अनिल दुबे, निलेश पुरोहित, उमेश पचौरी आदि ने कहा कि भारी वर्षा के कारण मांधाता क्षेत्र भारी नुकसान हुआ है, लेकिन प्रशासन बचाव कार्य को लेकर निष्क्रिय ही दिखाई दिया। अतिवृष्टि परिवारों ने शासन प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। समाजसेवी उमेश पचोरी ने इस लापरवाही के विरोध में 21 सितंबर को ओंकारेश्वर बंद करने की चेतावनी दी है।
रविवार को विधायक नारायण पटेल ने अधिकारियों के साथ अतिवृष्टि पीड़ितों से मुलाकात की। विधायक ने कहा कि अतिवृष्टि से पीड़ितों का काफी नुकसान हुआ है। बचाव कार्य में इसमें लापरवाही करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पटेल ने कहा कि जांच दल गठित किया जाएगा और शीघ्र ही हानि के सर्वे के लिए प्रशासनिक दल गठित किया जाएगा। पटेल ने पीड़ितों से आग्रह किया कि हानि की सही-सही जानकारी दल को दें। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मुलाकात कर स्थिति से अवगत किया जाएगा। कांग्रेस नेता उत्तमपाल सिंह भी रविवार को ओंकारेश्वर पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और शासन से पीड़ितों को जल्द से जल्द मुआवजा देने की मांग की।
संयुक्त कलेक्टर काशीराम बडोले, एसडीएम बजरंग सिंह बहादुर भी विधायक के साथ मौजूद थे। बड़ोले ने कहा कि सर्वे करा कर पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। ओंकारेश्वर बांध परियोजना से पानी छोड़े जाने के बाद जो लोगों का नुकसान हुआ है उसका सर्वे सोमवार से करवाया जाएगा, इसके लिए दल गठित कर दिया है। पीड़ित परिवारों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।