जौरा(नईदुनिया न्यूज)। जौरा अस्पताल में हो क्या रहा है। एक ओर से कोरोना महामारी का प्रकोप है और अस्पताल में बिना इलाज के मरीज तड़प-तड़प कर मर रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन के कारण जौरा की छवि खराब हो रही है। मैं यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं करूंगा। जिम्मेदार अधिकारी कमियों को दूर करें, अगर संसाधन या ऑक्सीजन की कमी है तो उसे मैं जिला प्रशासन के साथ मिलकर पूरा कराऊंगा, लेकिन मरीजों को हर हाल में इलाज मिलना चाहिए। यह बातें जौरा अस्पताल की समीक्षा बैठक में मंगलवार को विधायक सूबेदार सिंह रजौधा ने कहीं।
गौरतलब है कि जौरा अस्पताल में लापरवाही के कारण मरीजों की मौत की घटनाओं के बाद विधायक रजौधा ने मंगलवार को यह समीक्षा बैठक बुलवाई थी। इस बैठक में विधायक ने कमियों को दूर करने व लापरवाह डॉक्टरों के रवैये में सुधार की बात कहीं। इसी दौरान बीएमओ डॉ. मनोज त्यागी ने सफाई देते हुए कहा, कि बिना इलाज के मौतों की खबरें गलत हैं। हद तो तब हो गई जब अस्पताल के डॉक्टर सुरेश सोनी ने अस्पताल की कमियां उजाकर करने वाले पत्रकारों पर ही आरोप लगा दिए कि पत्रकार पैसे देकर अस्पताल में हंगामा करवा रहे हैं। इस बात पर बैठक का कवरेज करने पहुंचे कुछ पत्रकार असंतुष्ट हुए और पूछा कि किस पत्रकार ने पैसे देकर हंगामा करवाया इसके सबूत डॉ. सोनी दें। इसके बाद बैठक में सन्नााटा छा गया और बीएमओ डॉ. व्यास व डॉ. सोनी भी बगले झांकने लगे। इसके बाद नाराज पत्रकारों ने कहा कि सोमवार को दामोदर गौड़ की मौत अस्पताल प्रबंधन की गलती से हुई। ऑक्सीजन होने के बाद भी दामोदर को ऑक्सीजन नहीं लगाई गई और रेफर कर दिया, जिससे रास्ते में मरीज ने दम तोड़ दिया। इससे एक दिन पहले सबलगढ़ के युवक ने इलाज नहीं मिलने पर अस्पताल की चौखट पर दम तोड़ दिया। बैठक में सन्नााटा तब और छा गया, जब पूर्व बीएमओ डॉ महेश व्यास ने विधायक रजौधा से शिकायत करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में ऑक्सीजन के 7 सिलेंडर खरीदे थे, जिन्हें जरूरत नहीं होने की बात कहकर मुरैना भेज दिया। इस कारण भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी है। डॉ. व्यास ने कहा कि चहेते स्टाफ की ड्यूटी न लगाकर उन्हें ऑफिस में बैठाया जा रहा है, यह भेदभाव खत्म हो। बैठक में एसडीएम सुरेश सिंह ने भी अस्पताल प्रबंधन के काम-काज के रवैये पर आपत्ति जताते हुए सुधार के निर्देश दिए।
03र्षषिचअ3छ : बैठक में डॉक्टरों से चर्चा करते जौरा विधायक व एसडीएम।