नईदुनिया न्यूज, बरवेट। पिछले कई वर्षों से सरकार की गलत नीतियों के कारण सोयाबीन उत्पादक किसानों को काफी निराश होना पड़ रहा है। आलम यह है कि 10 वर्षों पहले सोयाबीन जिस भाव से बिक रहा था। उससे भी कम रेट में अब सोयाबीन के भाव चल रहे हैं।
बाजार से लेकर मंडियों में सोयाबीन समर्थन मूल्य से भी नीचे बिक रहा है। सोयाबीन का सीजन डेढ़ माह बाद शुरू होने वाला है। इसके पहले सोयाबीन के भाव को लेकर किसानों में आक्रोश व्याप्त होने लगा है। फसल का वाजिब दाम नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश है।
गौरतलब है की क्षेत्र के किसानों मि मुख्य सोयाबीन है। खरीफ सीजन में यहां सबसे अधिक सोयाबीन की खेती होती है। इसीलिए इसे पीला सोने के नाम से जाना जाता है। खरीफ सीजन में किसानों के द्वारा काफी मात्रा में सोयाबीन की मुख्य फसल बोई जाती है।
सोयाबीन का वाजिब दाम दिलवाने की मांग करते हुए किसानों ने अब सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू किया है। इस कैंपेन का असर दिखाई देने लगा है। भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा महेंद्र हामड ने बताया कि सोयाबीन के भाव बढ़ाने की मांग को लेकर किसानों ने आवाज उठाई है। जिसका भारतीय किसान यूनियन ग्रामीण स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक ज्ञापन देने का अभियान चलाएंगे।
ग्राम बोडायता के किसान अर्जुन पाटीदार ने बताया कि सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। लेकिन इस भाव से बहुत कम दाम पर सोयाबीन मंडियों और व्यापारियों द्वारा खरीदा जा रहा है। जिससे किसानों को लगभग एक हजार से तेरह सौ रुपये का घाटा हो रहा है। जबकि दूसरी ओर डेड माह बाद दिन नई सोयाबीन आने वाली है। मंडियों में 4000 रुपए प्रति कुंटल किसानों को दाम मिल रहे हैं। इसमें किसानों को लागत खर्च निकलना भी मुश्किल जाएगा।
भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष ईश्वर पाटीदार ने बताया कि सरकार की गलत नीति के कारण सोयाबीन के भाव नहीं बड़े हैं। वहीं किसानों द्वारा जो खेती किसानी में वस्तुएं इस्तेमाल की जाती है। उनके दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है। खाद, दवाई मजदूरी सारी चीजों में बहुत बढ़ोतरी हुई है।
परंतु किसानों को उनकी फसल के वाजिब दाम नहीं मिल रहे हैं। किसान नेताओं ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए किसान अपनी आवाज सरकार तक पहुंचा रहे हैं। अब देखना है कि सरकार किसानों की मांगों को कितना गंभीरता से लेती है।
सोयाबीन के भाव को लेकर सोशल मीडिया व्हाट्सएप और फेसबुक पर पोस्ट वायरल हो रहे हैं। इनमें किसानों द्वारा मांग की जा रही है कि सोयाबीन के भाव बढ़ाए जाएं। भारतीय किसान संघ के जिला महामंत्री जितेंद्र पाटीदार ने बताया कि अभी सोशल मीडिया पर सोयाबीन के भाव को लेकर सरकार तक मैसेज पहुंचा रहे हैं।
एक सितंबर से सात सितंबर तक सप्ताह भर तक ग्राम पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक ज्ञापन दिए जाएंगे। उसके बाद भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो यह मुद्दा आंदोलन का रूप अख्तियार कर लेगा।