मेघनगर-थांदला रोड के बीच रेलवे गेट हुए जाम
मेघनगर और थांदला रोड के बीच रेलवे फाटक के गेट जाम हो गए।सुबह 9 बजे कर्मचारियों को गेट निकालने पड़े।
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Publish Date: Thu, 18 Dec 2014 06:44:18 PM (IST)
Updated Date: Fri, 19 Dec 2014 06:59:37 AM (IST)
झाबुआ/थांदला। दिल्ली-मुंबई ट्रेन रूट पर गुस्र्वार तड़के मेघनगर और थांदला रोड के बीच रेलवे फाटक के गेट जाम हो गए। काफी कोशिशों के बाद भी जब गेट नहीं खुले तो सुबह 9 बजे कर्मचारियों को गेट निकालने पड़े। इसके पहले ही रतलाम मुख्य कार्यालय पर सूचना दे दी गई।
वहां से नए गेट और इंजीनियर पहुंच गए। सुबह पौने 10 बजे नए गेट लगाकर व्यवस्था सुचारु कर दी गई। इस दौरान कुछ समय तक यातायात मेघनगर से सजेली मोगजी सात गांव होकर थांदला जाने वाले रास्ते से चलता रहा।
गुस्र्वार तड़के 3 बजकर 50 मिनट पर अचानक रेलवे फाटक के गेट जाम हो गए। काफी कोशिशों के बाद भी वो नहीं खुले। थांदला रोड और मेघनगर से पहुंचे कर्मचारियों की काफी कोशिशों के बाद भी गेट खोले नहीं जा सके। बाद में तय किया गया कि गेट निकाल दिए जाएं। रतलाम हेड क्वार्टर से परमिशन लेकर दोनों गेट निकाल दिए गए। लगभग डेढ़ घंटे का समय इसमें लगा।
इस दौरान वाहन दूसरे रास्ते से आते-जाते रहे। कुछ बड़े वाहनों को यहीं खड़े रहकर इंतजार करना पड़ा। गेट निकालने के बाद दोनों तरफ दो-दो सुरक्षा कर्मियों को लोहे की जंजीर लेकर खड़ा किया गया। उन्होंने ट्रेनों के आने-जाने के दौरान जंजीर लगाकर वाहनों की आवाजाही रोकी। रतलाम से नए गेट आने पर लगाए गए। पौने दस बजे नए गेट लगाकर व्यवस्था शुरू की गई। -हमारे प्रतिनिधि
नहीं आई समस्या
देर रात कुछ समस्या आई थी। रतलाम कार्यालय से फौरन नए गेट भेजे गए। यातायात में किसी तरह का खास अवरोध नहीं रहा।
-सुभाष पुरोहित, स्टेशन अधीक्षक, थांदला रोड
बामनिया में दो घंटे बंद रहा फाटक
बामनिया। रतलाम-झाबुआ मार्ग स्थित बामनिया रेलवे फाटक गुरुवार को दो घंटे बिना किसी पूर्व सूचना के बंद रखा गया। इससे यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। फाटक पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार तकनीकी कारणों से दोपहर 2.20 से 4.20 बजे तक फाटक बंद रहा। छोटे वाहन तो जैसे-तैसे नारेला रोड वाली पुलिया से निकल गए, लेकिन बड़े वाहन चालकों को दो घंटा खड़े रहना पड़ा।
चालकों की पीड़ा
थांदला जा रहे ट्रक चालक कमलेश भाई ने बताया कि वे जावरा से ट्रक भरकर निकले थे। थांदला माल की डिलीवरी देना था। फाटक बंद होने के कारण वह डिलीवरी नहीं दे पाएंगे। एक अन्य बस चालक सोनूभाई ने बताया कि फाटक बंद होने के कारण वे गंतव्य देर से पहुंचेंगे और बस में बैठे यात्री परेशान हो रहे हैं। वहीं एक निजी स्कूल की बस में सवार बच्चे भी परेशान होते रहे।
फाटक पर रहता है अधिक दबाव
रेलवे फाटक के एक ओर खवासा नाके पर जिनिंग फैक्टरी, किराना, मोबाइल, होटल, आटोपार्ट्स आदि की दुकानें संचालित होती हैं। इस कारण यहां ग्रामीणों की आवाजाही लगी रहती है। दूसरी ओर नगर बसा हुआ है। यहां रेलवे स्टेशन, कन्या विद्यालय,अस्पताल आदि हैं। नगरवासियों को खवासा नाका जाने तथा खवासा नाके वालों को नगर में आने के लिए इसी फाटक से होकर गुजरना पड़ता है। फाटक बंद होने के कारण लोगों को काफी परेशान होना पड़ा।-निप्र