पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने बताया कि फर्जी वेबसाइट के माध्यम से ग्राहक सेवा केंद्र खुलवाने के नाम पर 40 हजार 600 रुपए की धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह को थाना कोतवाली झाबुआ व सायबर सेल झाबुआ ने नवादा (बिहार) से गिरफ्तार किया है।
शिकायतकर्ता को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा एसबीआइ बैंक का कियोस्क सेंटर खुलवाने के लिए फोन आया था। आरोपित अपने आपको कंपनी का अधिकारी बताकर बात करते थे। आरोपित रजिस्ट्रेशन व प्रोसेसिंग फीस, अकाउंट खोलने, आइडी पासवर्ड के नाम पर बैंक खातों में पैसे डलवा लेता था। फर्जी सीएसपी रजिस्ट्रेशन लेटर भेजते थे। अन्य आरोपित खाताधारकों से कमीशन पर पैसे निकालने का काम करता था।
आवेदन पर हुई कार्रवाई
जैन ने बताया कि लारेंस निवासी झाबुआ ने थाना कोतवाली में शिकायती आवेदन दिया था कि एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन करके वेबसाइट के माध्यम से कियोस्क खुलवाने के लिए फोन आया। उसने रजिस्ट्रेशन चार्ज, प्रोसेसिंग फीस, आइडी पासवर्ड व अन्य चार्ज का झांसा देकर ठगी की गई।
जैन ने बताया कि अज्ञात मोबाइल नंबर के उपयोगकर्ता के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण कायम किया गया था। जैन ने बताया कि आरोपित बेरोजगार लोगों को कंपनी की वेबसाइट से डाटा लेकर फोन करते थे। फिर कियोस्क सेंटर खुलवाने का झांसा देकर उनसे जुड़ जाते थे।
ये विभिन्न प्रकार की फीस, रजिस्ट्रेशन चार्ज, प्रोसेसिंग फीस, ओडी अकाउंट फीस व अन्य चार्ज के हिसाब से विभिन्न खातों में पैसे डलवाने का काम करते थे। इसके लिए जिन खातों में पैसा बुलवाना रहता था। इसके लिए उनको खाता इकट्ठा करने के लिए कहा जाता था, तब ये जिस व्यक्ति के साथ सीएसपी खोलने के लिए बोलते थे। उनमें इन विभिन्न लोगों के खातों में पैसा डालने के लिए बताया जाता था। जिससे संबंधित खाता धारक का खाता इनके सदस्यों द्वारा क्यों लिया जा रहा है, इसकी जानकारी नहीं होती थी।
बिहार से धरदबोचा
उन्होंने बताया कि बिहार के ग्राम बाहरी बीघा, थाना शाहपुर, जिला नवादा से आरोपित सुगम पुत्र मधुसूदन प्रसाद, राजेश उर्फ सन्नी पुत्र मदन सिस्त्री को गिरफ्तार किया गया है। वहीं प्रशांत उर्फ राहुल पुत्र लालचन्द ढीमर निवासी ग्राम गरह सीहोर नरिसंहपुर मप्र को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा पूर्व में दीपक जाटव पुत्र भूरेलाल निवासी ग्राम गरह सीहोर नरसिंहपुर को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
कमीशन की लालच में होता था कार्य
उन्होंने बताया कि आई राशि के एवज में सुगम 10 प्रतिशत रुपए, खाता खुलवाने को पांच प्रतिशत, एक प्रतिशत रुपए कमीशन केश निकलवाने वाले को तथा शेष पैसा सुगम स्वयं व अपने साथी आरोपित को दे देता था। इनमें जो राशि खाते में दी जाती है, वह अकाउंट आपरेट करने वाले की जिम्मेदारी होती है कि खातों से तुरंत राशि निकाल ली जाए। इनकी राशि उसको कई लोगों के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त हो जाती। जो इस पूरी प्रक्रिया में कमीशन के माध्यम से खाता धारक, खाता खुलवाने वाले, पैसों को ट्रांसफर करवाने वाले, केश करवाने वाले को पैसा मिल जाता है। इस कार्य में थाना प्रभारी झाबुआ सुरेंद्रसिंह गाडरिया, उपनिरीक्षक ब्रिजेन्द्र छाबरिया, जितेंद्र सांकला, रईस पठान, गमतु, मनोहर भूरिया, राकेश, जितेंद्र चौहान, महेश आदि का सहयोग लिया गया।
सावधान रहें
जैन ने आम लोगों से कहा है कि आनलाइन साइटों पर ग्राहक सेवा केंद्र, नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने से पहले उन साइटों के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त करें। लाटरी, इनाम के झांसे में किसी को भी जानकारी शेयर न करें। अनजान एप या लिंक को नहीं खोलें। जाब देने वाली कंपनी की सत्यता की जानकारी प्राप्त कर लें। अनजान नंबर से काल करने वाले नंबरों पर विश्वास कर उनके कहने पर कोई ओटीपी या पिन, निजी जानकारी आदि शेयर न करें।