नईदुनिया प्रतिनिधि, झाबुआ। जिले में सूदखोरों के नित नए कारनामे सामने आते जा रहे हैं। अब ताजा मामला मेघनगर से आया है जिसमें 8 लाख 60 हजार रुपए ब्याज पर देते हुए तीन साल में 75 लाख 10 हजार रुपए वसूल किए गए हैं। पुलिस ने मेघनगर के तीनों व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस अधीक्षक पदम विलोचन शुक्ल ने बताया कि अवैध रूप से सूदखोरी कर रहे दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।
पिछले दिनों सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर झाबुआ के एक व्यापारी ने अपनी जान दे दी थी । उक्त घटना में झाबुआ के कई रसूखदारो के चेहरे उजागर हुए थे। प्रकरण भी दर्ज हुआ। कुछ दिन हल्ला मचा मगर इस धंधे पर कोई रोक नहीं लग पाई।
पुलिस का कहना है कि शिकायतकर्ता सामने नहीं आते हैं। कोई शिकायत लेकर आता है तो पुलिस कार्रवाई करने में देरी नहीं करती। सूदखोरी के चुंगल में जो एक बार फंसता है ,उसका जीवन तबाह हो जाता है।
पुलिस अधीक्षक शुक्ल ने बताया कि मेघनगर के जितेंद्र शर्मा व वेदप्रकाश बसेर और रंभापुर के राहुल दातला के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ डूंडका मेघनगर के विकास राठौर ने शिकायत की है। विकास ने व्यापार के लिए 2 अगस्त 2021 को 6 लाख रुपए उधार लिए थे, जिसके एवज में 3 साल में अब तक 68 लाख 50 हजार रुपए दे चुका है। जितेंद्र शर्मा मनमाना ब्याज वसूल करता रहा।
विकास ने अपनी शिकायत में कहा है कि कल्याणपुरा में कपड़े व किराने की दुकान वह संचालित करता है। व्यवसाय करने के लिए उसने उधार रुपए लिए थे। जिसके लिए 2021 से अब तक वह 68 लाख 50 हजार रुपए दे चुका है।
विकास ने सांई चौराहा मेघनगर के रहने वाले वेदप्रकाश बसेर से 60 हजार लिए थे, जिसकी एवज में 2 लाख 88 हजार रुपए दे चुका है। रंभापुर निवासी राहुल दातला से 2 लाख रुपये लिए थे, सूद सहित 3 लाख 72 हजार रुपये वह दे चुका है।
पुलिस अधीक्षक शुक्ल के अनुसार अभी तक तीनों में से किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है। तीनों पर आरोप है कि वे 8 लाख 60 हजार रुपए सूद पर देते हुए 75 लाख 10 हजार रुपए वसूल कर चुके हैं। इसके बावजूद शिकायतकर्ता पर लगातार ओर अधिक राशि देने का दबाव बना रहे थे।
इस तरह से जिले के सबसे बड़े धंधे सूदखोरी का एक और बड़ा मामला सामने आया है। इस कार्य को करने का एक भी लाइसेंस नहीं है, लेकिन यह धंधा जोरो पर किया जा रहा है। ब्याज की मोटी राशि वसूल करते हुए ही कई लोगों की जिले में आर्थिक दशा सुधार गई है। जो व्यक्ति सुदखोरों के जंजाल में फंस रहे हैं, वे उभर ही नहीं पा रहे हैं।