नईदुनिया प्रतिनिधि, झाबुआ। गुरुवार को झाबुआ में आयोजित हिंदू सम्मेलन का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना था। सम्मेलन में जिला मुख्यालय के 18 वार्डों और आसपास के 30 गांवों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। पहले नगर में राम नाम का जयघोष करते हुए ध्वज यात्रा निकाली गई, फिर राजवाड़ा चौक पर धर्मसभा का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता और विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष हुकुमचंद सांवला ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान राम ने वनवास पर जाते समय शस्त्र नहीं छोड़े थे, लेकिन आज हम अपने शस्त्रों को भूल गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि विदेशी ताकतें हमारे क्षेत्र में मतांतरण को बढ़ावा दे रही हैं। अब इसे रोकना आवश्यक है। उन्होंने सभी हिंदुओं से आह्वान किया कि वे अपने मस्तक पर तिलक लगाएं, जिससे वे पहचान में आ सकें और समाज में जागरूकता फैले।
महाकाल भैरव अखाड़ा के योगी विजेंद्र नाथ ने अपने संबोधन में मतांतरण और लव जिहाद के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने हिंदू समाज से अपील की कि वे अधर्मियों को पहचानें और समाज में जागरूकता फैलाएं। कोकावद धाम के कमल महाराज ने धर्म के प्रचार में सभी समाजों के सहयोग की आवश्यकता बताई।
रविंद्र मिश्रा ने हिंदू की परिभाषा पर चर्चा करते हुए गीत गाया और रामजी का संदेश दिया। यह आयोजन सामाजिक महासंघ द्वारा किया गया था, जिसमें संतों, विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों के नेताओं और हिंदू समर्थकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। अंत में, रामजी की प्रसादी ग्रहण करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं।