मस्तीभरा भगोरिया पर्व 16 मार्च से
आदिवासियों का सांस्कृतिक उत्सव भगोरिया 16 मार्च से 22 मार्च तक चलेगा।
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Publish Date: Tue, 02 Feb 2016 10:41:02 PM (IST)
Updated Date: Wed, 03 Feb 2016 05:45:10 AM (IST)
झाबुआ अंचल में ढोल-मांदल पर नृत्य के बगैर भगोरिया का मजा अधूरा ही रहता है। (फाइल फोटो) झाबुआ। आदिवासियों का सांस्कृतिक उत्सव भगोरिया 16 मार्च से 22 मार्च तक चलेगा। जिले में तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर यह पर्व मनेगा। हफ्तेभर चलने वाले इस पर्व की खासियत यह है कि अपने नजदीक के हाट बाजार में सज-धजकर शत-प्रतिशत ग्रामीण पहुंचते हैं। हर हाट में भारी भीड़ उमड़ती है।
ग्रामीण नाचते-गाते तरह-तरह के वाद्य यंत्रों के साथ आएंगे। मेला स्थल पर ही अपने रिश्तेदारों व मित्रों के साथ पर्व की खुशियां मनाएंगे। जगह-जगह झूले और अन्य वस्तुओं की दुकानें भी लगेंगी। हाट में सुबह 10 बजे के बाद से ही भीड़ उमड़ने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
12 बजते-बजते तो हाट खचाखच भर जाते हैं। मुख्य समय 12 से 3 बजे का ही रहता है। हाट में आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। वहीं मेहनतकश लोगों का उत्साह इस सांस्कृतिक पर्व को लेकर चरम पर होता है।
ये रहेगा कार्यक्रम
16 मार्च : उमरकोट, माछलिया, करवड़, बोरायता, कल्याणपुरा, मदरानी और ढेकल।
17 मार्च : पारा, हरिनगर, सारंगी, समोई और चैनपुरा।
18 मार्च : कालीदेवी, भगोर, बेकल्दा और मांडली।
19 मार्च : मेघनगर, रानापुर, बामनिया, झकनावदा और बलेड़ी।
20 मार्च : झाबुआ, रायपुरिया, काकनवानी और कनवाड़ा।
21 मार्च : पेटलावद, रंभापुर, मोहनकोट, कुंदनपुर और रजला।
22 मार्च : अंधारवड़, पिटोल, खरड़ू, थांदला, तारखेड़ी और बरवेट।