भोपाल। शहर में मुंह के कैंसर के मरीजों की संख्या में बढ़ रही है। यह चिंताजनक आंकड़ा जेपी अस्पताल द्वारा आयोजित निश्शुल्क ओरल कैंसर स्क्रीनिंग शिविर में सामने आए हैं। ओरल कैंसर स्क्रीनिंग के लिए आयोजित किए जा रहे विशेष शिविर में आटोफ्लोरेंस आधारित उपकरण से 1832 लोगों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें से 361 लोगों में ओरल कैंसर के प्रारंभिक लक्षण पाए गए।
डॉक्टरों का कहना है कि ओरल स्कैन जांच के माध्यम से ओरल कैंसर को शुरुआती अवस्था में ही डायग्नोसिस किया जा सकता है, जिससे देरी से डायग्नोस होने के कारण होने वाली विरूपता व अन्य परेशानियों से बचा जा सकता है। स्क्रीनिंग दंत रोग विशेषज्ञों द्वारा प्रतिदिन की जा रही है। तंबाकू उत्पादों जैसे गुटखा, खैनी, जर्दा , बीड़ी, सिगरेट का उपयोग करने वालों में ओरल कैंसर होने की आशंका अन्य लोगों से बहुत अधिक होती है। इसलिए इन लक्षणों वाले लोगों को आवश्यक रूप से स्क्रीनिंग करवाते रहना चाहिए।
ये होते हैं लक्षण
मुंह में सफेद अथवा लाल चकत्ता या घाव होना, मुंह की किसी जगह की त्वचा का कड़ा होना, चबाने, निगलने या बोलने में कठिनाई होना, मुंह खोलने में कठिनाई होना, आवाज में परिवर्तन होना आदि ओरल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। ओरल कैंसर मुंह के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, जिनमें मसूड़े, जीभ, गालों के अंदर या होंठ शामिल हैं।
तंबाकू से कई तरह के कैंसर का खतरा होता है। तंबाकू में मौजूद निकोटीन शरीर में जहर की तरह कार्य करता है। अतः यह लोगों के हित में है कि वे स्वयं तंबाकू व तंबाकू उत्पादों के सेवन से दूर रहें तथा बच्चों व किशोरों को इसकी तरफ जाने से रोकें।
इनका कहना है
शिविर में जिन लोगों में ओरल कैंसर के प्रारंभिक लक्षण पाए गए हैं उनका फाॅलोअप किया जा रहा है। असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कैंसर स्क्रीनिंग एवं उपचार की सुविधा निश्शुल्क है। यह ओरल स्क्रीनिंग लगातार जारी रहेगी।
डाॅ. प्रभाकर तिवारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल