जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। हिंदू नववर्ष की शुरूआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। इस वर्ष यह तिथि अंग्रेजी कैलेंडर में 2 अप्रैल को है। इसके साथ ही चैत्र नवरात्र पर्व की शुरूआत होगी और नौ दिनों तक जगतजननी की आराधना होगी। खास बात यह है कि हिंदू नववर्ष में इस बार न्याय के देवता शनिदेव के हाथों में राजा की कमान होगी। वहीं मंत्री का पद देवगुरु बृहस्पति सुशोभित करेंगे। चैत्र नवरात्र का समापन 10 अप्रैल को रामनवमी के साथ समाप्त होगा। शनि के राजा के पद पर बैठने का आशय यह है कि वर्ष की शुरूआत जिस दिन होती है वही उस वर्ष का राजा होता है।
ऐसे मिल रहे संकेत : ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ के अनुसार शनि राजा और गुरु के मंत्री होने से देश में उत्पात और अव्यवस्था बढ़ेगी। लेकिन विद्वानों की सलाह से यह समस्या कम हो जाएगी। इस तरफ भी ध्यान देना होगा कि इस दौरान धार्मिक कार्य बढ़ेंगे। शिक्षा का स्तर भी बढ़ेगा। इस बार हिंदू नववर्ष की शुरूआत रेवती नक्षत्र और तीन राजयोगों में हो रहा है। यह शुभ संकेत की ओर इशारा कर रहा है।
सर्वार्थ सिद्धि का योग : ज्योतिषाचार्य पंडित प्रवीण मोहन शर्मा ने बताया कि नवरात्र पर्व में 3 अप्रैल को सूर्योदय से लेकर दोपहर 12:34 बजे तक फिर 5 अप्रैल को सूर्योदय से शाम 4:10 बजे तक और 6 अप्रैल को सूर्योदय से रात 12:13 बजे तक और 10 अप्रैल को सूर्योदय से शाम 4:22 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसी तरह 10 अप्रैल को सूर्योदय से रात 12:14 तक रवि पुष्य योग रहेगा। यह योग खरीदारी के लिए शुभ माने जाते हैं। इस समय में की गई खरीदारी अक्षय फलदायी मानी गई है।
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'