Jabalpur News : (अतुल शुक्ला, जबलपुर)। मध्यप्रदेश के एक मात्र वेटरनरी विश्वविद्यालय जबलपुर के डिग्री पाठ्यक्रम यानी बैचलर आफ वेटरनरी साइंस में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों में हर साल उत्सुकता रहती है, लेकिन वो उत्सुकता इस बार नजर नहीं आ रही। जो सीटें पहली या दूसरी आनलाइन काउंसिलिंग में ही भर जाती थी, वो इस बार तीसरी आनलाइन काउंसिलिंग में भी नहीं भर पा रहीं। इसकी वजह फीस है। दरअसल विश्वविद्यालय प्रशासन ने डिग्री पाठ्यक्रम की फीस में इजाफा किया है, जिसमें सबसे ज्यादा फीस पैमेंट कोटे की सीटों में हुआ है, जो लगभग 4 गुना है। यही वजह है कि इस बार जबलपुर, रीवा और महू वेटरनरी विश्वविद्यालय की 90 सीटों में सिर्फ 11 सीटें ही भरी हैं। अभी भी 79 सीटें खाली हैं।
यह है वजह
वेटरनरी विश्वविद्यालय प्रशासन पिछली काउंसिलिंग में डिग्री पाठ्यक्रम की पैमेंट सीट की फीस लगभग डेढ़ लाख रुपये सालाना थी, लेकिन इस बार यह फीस लगभग 5 लाख 30 हजार हो गई है। पैमेंट सीट के कोटे में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी को साढ़े पांच साल के कोर्स में लगभग आठ लाख रुपये फीस के देने होते थे, जो अब लगभग 30 लाख रुपये हैं। यही वजह है कि इस बार पैमेंट सीट में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी प्रवेश लेने से पीछे हट गए हैं। हालांकि अभी तक इसको लेकर विवि प्रशासन ने अपना रूख साफ नहीं किया है।
फ्री सीट में बढ़ी
जबलपुर, रीवा और महू वेटरनरी कालेज में फ्री सीट की संख्या लगभग 300 है। वहीं 90 सीटें पैमेंट कोटे की हैं। फ्री सीट लगभग 280 से ज्यादा भर गई है, लेकिन पैमेंट सीट खाली है। हालांकि प्रशासन ने फ्री सीट की फीस में भी वृद्धि की है। पिछले साल तक फ्रीस सीट में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी को सालाना 55 से 60 हजार रुपये देने होते थे, लेकिन इस साल से यह फीस 75 हजार से अधिक हो गई है। इसके बाद भी युवाओं ने प्रवेश लिया। वहीं विवि प्रशासन का कहना है कि बढ़ी हुई फीस का असर नए विद्यार्थी को ही होगा, पहले से पढ़ रहे विद्यार्थी को नहीं।
मैरिट भी गिरी, 45 तक पहुंची
पैमेंट सीट 90 फीसदी खाली रहने के बाद अब फ्री सीट में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की मैरिट भी गिरी है। 2022 तक जनरल समेत ओबीसी, एसटी-एससी कोटे की मैरिट लिस्ट 50 से अधिक होती थी, वहीं इस बार यह 45 तक पहुंच गई है। जनरल की ही मैरिट लिस्ट इस बार 51 पर आई है, जबकि अभी तक यह 60 से 65 तक ही गिरती थी। यही हाल अन्य कोटे की सीटों में है। विद्यार्थियों का कहना है कि विवि प्रशासन को बढ़ी हुई फीस पर पुन: विचार करना चाहिए।