Jabalpur Ring Road: जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। प्रदेश की पहली सबसे लंबी रिंग रोड वर्ष-2025 तक बनकर तैयार हो जाएगी। इस सड़क पर कहीं भी टोल नाके नहीं होंगे, लेकिन रिंग रोड में चौपहिया वाहन जितने किलोमीटर चलेगा सिर्फ उतना टोल लगेगा। यह नई व्यवस्था टोल नाके की बजाए सीधे ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के माध्यम से बनाई जाएगी। इसमें वाहन मालिक के नाम पर आबंटित फास्टैग के माध्यम से उसके बैंक खाते से राशि स्वत: कट जाएगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की यह आधुनिक व्यवस्था बनने के बाद वाहन चालकों को सिर्फ निर्धारित दूरी तय करने का ही पैसा देना होगा। बता दें कि संस्कारधानी के चारों ओर 118 किलोमीटर लंबी रिंग रोड बनाने का काम प्रारंभ हो चुका है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टोल नाकों को बंद करने की योजना का ऐलान हाल ही में किया है। इसके बाद अधिकारियों का भी मानना है कि आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजमार्ग में टोल नाके धीरे-धीरे बंद कर दिए जाएंगे। सभी सड़कों पर यह प्रक्रिया लागू होने पर अभी वक्त है लेकिन रिंग रोड के लिए यह व्यवस्था 2025 में रोड बनने के बाद लागू होगी।
अभी राष्ट्रीय राजमार्ग के 60 से 80 किलोमीटर के बीच एक टोल नाका बनाया गया है, जिसमें वाहन चालक को शुल्क देना पड़ता है। इस व्यवस्था में वाहन चालक को 10 या 20 किलोमीटर चलने के लिए भी पूरा टोल देना होता है। जबकि जीपीएस सिस्टम लागू होने पर वाहन जैसे ही टोल रोड पर आएगा जीपीएस वाहन की लोकेशन ट्रैक कर लेगा। गाड़ी में फास्टैग लगा होगा। आने वाले समय में वाहनों में बैंक खाते की तरह न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य हो जाएगा। नई व्यवस्था बनने के बाद सड़क पर वाहन दौड़ते ही फास्टैग के जरिए निर्धारित शुल्क स्वत: ही कट जाएगा। इस संबंध में एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल ने कहा कि रिंग रोड पर जीपीएस के जरिए ही टोल काटने की योजना पर अमल किया जा रहा है। इस योजना में प्रति किलोमीटर के लिए एक राशि तय होगी। रिंग रोड में जगह-जगह प्रवेश और निर्गम सड़क होगी, जिनसे वाहन सड़क पर प्रवेश करेंगे। इसके बाद जितने किलोमीटर वाहन सड़क पर चलेगा उस वाहन के फास्टैग से उतनी राशि ही कटेगी। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था वाहन चालकों के लिए बेहद फायदेमंद होगी, क्योंकि उन्हें अभी सड़क पर कितना भी चलते हैं लेकिन नाके पर टोल पूरा भुगतान करना होता है। यहां ऐसा नहीं होगा।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल ने कहा कि रिंग रोड में 20-21 पाइंट होंगे। यहां से राजमार्ग और शहर के अंदर से प्रवेश होगा। करीब 2.80 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से शुल्क तय होगा। निर्माण लागत के हिसाब से इसमें बदलाव संभव होगा। बता दें कि करीब 3500 करोड़ रुपये की लागत से रिंग रोड का निर्माण किया जा रहा है।