जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। माढ़ोताल के मनमोहन नगर स्थित पन्नी मोहल्ला में करीब 20 वर्षों से झुग्गी बनाकर रह रहे लोगों को शनिवार को हटा दिया गया। यह कार्रवाई हाई कोर्ट और राज्य शासन के निर्देश पर की गई। यहां रहने वालों को प्रशासन द्वारा राजस्व निर्माण मंडल महाराजपुर के चांटी में वैकल्पिक जगह उपलब्ध कराई जा रही है। अतिक्रमणमुक्त कराई गई जमीन की अनुमानित कीमत 54 करोड़ 60 लाख बताई जा रही है। इधर मनमोहन नगर में रहने वालों का कहना है कि वो महाराजपुर नहीं जाना चाहते, वहां जाने से उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। मामला पहले हाई कोर्ट और उसके बाद राज्य शासन के निर्देश से जुड़ा रहा, इसलिए प्रशासन ने भी आदेश के अनुपालन में कोई जोखिम उठाना ठीक नहीं समझा। सुबह से ही प्रशासन का अमला सदलबल मौके पर मौजूद रहा। बस्ती में रहने वालों को पहले से ही बस्ती छोड़ने के लिए निर्देशित किया जा चुका था। नोटिस भी बांटे जा चुके थे, इसलिए उनको भी वस्तुस्थिति का अच्छी तरह से अंदाजा रहा। वो भी मानसिक रूप से बस्ती छोड़ने को तैयार रहे। कार्रवाई के दौरान एसडीएम अनुराग सिंह, तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे, नायब तहसीलदार सुरेश सोनी सहित पुलिस और प्रशासन का अमला मौजूद रहा।
प्रशासन की ओर से कार्रवाई की तैयारी पहले से रही, इसलिए उसने मानवीय आधार पर लोगों के लिए भोजन और पानी का इंतजाम किया गया था। बस्ती से बाहर किए जाने वालों को मौके पर ही उनके प्लाट नंबर की पर्चियां भी वितरित कर दी गईं। लोगों को पुनर्वास के लिए चिन्हित ग्राम चांटी तक पहुंचाने के लिए बसों एवं उनकी गृहस्थी का सामान ढोने के लिए ट्रकों का इंतजाम भी किया गया।
अधारताल तहसील के मौजा माढ़ोताल स्थित खसरा नंबर 152/2/3 की दो लाख तिहत्तर हजार वर्गफुट शासकीय को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। इस भूमि का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 54 करोड़ 60 लाख रुपये है। यह भूमि महिला एवं बाल विकास विभाग के कम्पोजिट भवन निर्माण के लिए अतिक्रमण मुक्त कराई गई। अतिक्रमण क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे लगभग 100 परिवारों को चांटी स्थित खसरा नंबर 52 रकबा 0.52 हेक्टेयर पर भूखंडवार ले आउट तैयार कर उनके विस्थापन का कार्य किया गया। यहां से विस्थापित परिवारों में रहने वालों की संख्या 400 के आस-पास है।