MP High Court: हाई कोर्ट ने कहा सचिव आदिवासी विभाग हाजिर हों, वर्ना जारी करेंगे गिरफ्तारी वारंट
MP High Court: हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में सख्ती बरतते हुए आदिवासी विभाग की सचिव पल्लवी जैन को निर्देश दिया कि वे आगामी सुनवाई के दौरान हाजिर होकर पालन प्रतिवेदन पेश करें।
By Rahul Raikwar
Edited By: Rahul Raikwar
Publish Date: Sat, 29 Jul 2023 09:02:10 PM (IST)
Updated Date: Sat, 29 Jul 2023 09:02:10 PM (IST)
मप्र हाई कोर्ट MP High Court: जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में सख्ती बरतते हुए आदिवासी विभाग की सचिव पल्लवी जैन को निर्देश दिया कि वे आगामी सुनवाई के दौरान हाजिर होकर पालन प्रतिवेदन पेश करें। ऐसा न किए जाने पर उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया जाएगा। यही नहीं किसी भी सूरत में हाजिरी माफी का आवेदन भी स्वीकर नहीं किया जाएगा। अगली सुनवाई सात अगस्त को निर्धारित की गई है। अवमानना याचिकाकर्ता रीवा निवासी राजकुमार चतुर्वेदी सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता अमृत रूपराह ने पक्ष रखा।
हाई कोर्ट में यह दी गई दलील
हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमृत रूपराह ने दलील दी कि हाई कोर्ट ने वर्ष 2007 में अनुदान प्राप्त शिक्षकों को वेतन भुगतान का आदेश पारित किया गया था। इस आदेश को मप्र शासन ने अपील के जरिए चुनौती दी, जो 2013 में निरस्त हो गई। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील पेश की, वो भी निरस्त हो गई। जब आदेश का पालन नहीं हुआ तो अवमानना याचिका दायर की गई। विष्णु आदर्श शिशु शिक्षा समिति शहडोल के शिक्षकों के वेतन के लिए अनुदान आवंटित नहीं किया गया। इसके बावजूद संबंधित अधिकारी का रवैया नाफरमानी वाला बना हुआ है। जिसके बाद हाई कोर्ट ने आदिवासी विभाग की सचिव पल्लवी जैन को हाजिर होने का आदेश दे दिया है।