जबलपुर नईदुनिया प्रतिनिधि। वेटरनरी विश्वविद्यालय में तकनीकी पदों पर काम करने वाले प्रोफेसर से लेकर कर्मचारियों को पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला है। विश्वविद्यालय में लगातार वेतन का संकट गहराता जा रहा है। तकनीकी पदों पर 100 से ज्यादा असि. प्रोफेसर, एसो. प्रोफेसर और प्रोफेसर के रिक्त पदों की भर्ती के बाद विश्वविद्यालय में वेतन संकट और बढ़ गया है। हालात यह है कि दीपावली नजदीक है और वेतन के लिए विश्वविद्यालय के पास बजट ही नहीं। इधर प्रशासन को मिले अक्टूबर को बजट खत्म हो गया है। विश्वविद्यालय अब वेटरनरी विभाग से जनवरी का बजट मांग रहा है, ताकि वेतन का भुगतान हो गए।
इधर वेतन न मिलने से प्रोफेसर से लेकर कर्मचारी तक परेशान है। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का कहना है कि दीपावली नजदीक है और दो माह से वेतन तक नहीं मिला है। त्यौहार के सीजन में वेतन न मिलने से परेशानी बढ़ती जा रही है। घर के सभी काम नहीं हो पा रहे। पिछले बार विश्वविद्यालय प्रशासन ने किसी तरह से दो माह का वेतन मिला था। इस बार भी यही हालात हैं।
भर्ती के बाद बढ़ी मुश्किलें
विश्वविद्यालय ने जबलपुर, रीवा आैर महू कालेज में तकनीकी पदों पर भर्ती की। इसके बाद सातवां वेतनमान भी भुगतान कर दिया। अब हालात यह है कि प्रशासन के पास प्रोफेसर तो दूर कर्मचारियों को भी वेतन देने के िलए बजट नहीं है। विवि को हर तीन माह में बजट मिलता है, लेकिन यह खत्म हो चुका है। यह बजट भर्ती किए उम्मीदवारों के वेतन और अन्य भर्तो के भुगतान में खर्च हो गया, जिस वजह से विवि के आर्थिक हालात बिगड़ गई है।
आर्थिक हालात सुधारे बढ़ाई फीस
लगातार विवि के बिगड़ते आर्थिक हालात को सुधारने के लिए विद्यार्थियों की फीस में भारी इजाफा कर दिया। 10 या 20 फीसदी की बजाए 50 से 60 फीसदी तक फीस बढ़ा दी गई है। इसके पीछे विवि की मंशा अपनी आर्थिक स्थिति सुधारना है। हालांकि विवि बनने के बाद पहली बार इतनी बड़ा मात्रा में बढ़ी फीस से नए विद्यार्थियों की मुश्किल बढ़ेगा। आर्थिक तौर पर कमजोर विद्यार्थियों को प्रवेश लेने से पहले परेशान होना पड़ेगा।