जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के खेल मैदान का व्यावसायिक इस्तेमाल हो रहा था और प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। कोई दो-चार माह से नहीं बल्कि कई सालों से एक निजी व्यक्ति शारीरिक प्रशिक्षण के नाम खेल मैदान में प्रशिक्षण दे रहा था। इसकी एवज में हर प्रशिक्षणार्थी से फीस भी ली जा रही थी लेकिन यूनिवर्सिटी के लिए इस फीस में एक रुपये भी भुगतान नहीं होता था। इतना ही नहीं प्रशासन से भी प्रशिक्षण की कोई अनुमति नहीं ली गई। पिछले दिनों जब प्रशासन तक इसकी शिकायत पहुंची तो अवैध ढंग से प्रशिक्षण देने वालों को मैदान का उपयोग करने से रोक दिया गया।
क्या है मामला: रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के शारीरिक शिक्षण विभाग के उपयोग में आने वाला खेल परिसर एक निजी व्यक्ति लंबे समय से उपयोग कर रहा था। उक्त व्यक्ति खुद को फिजिकल ट्रेनर बताता है। उसके द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले युवाओं को शारीरिक ट्रेनिंग दी जाती है। इसके लिए प्रशिक्षण यूनिवर्सिटी का खेल मैदान और जिम जैसी सभी सुविधाएं बिना रोक टोक के इस्तेमाल कर रहा था। हर प्रशिक्षणार्थी से ट्रेनिंग के लिए फीस भी ली जाती थी।
कई विद्यार्थियों ने बताया कि यूनिवर्सिटी परिसर में ट्रेनिंग देने से उन्हें लगता था कि यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त ट्रेनर उन्हें प्रशिक्षण दे रहे हैं। शायद यही वजह है कि उन्हें यूनिवर्सिटी के सभी सामान भी उपयोग करने मिल जाते थे। पिछले दिनों अवैध ट्रेनिंग की शिकायत शारीरिक शिक्षण विभाग के विद्यार्थियों ने की। उन्होंने कहा कि खेल मैदान में बाहरी तत्वों के आने से उन्हें प्रैक्टिस करने में मुश्किल हो रही है। विभाग के शिक्षकों ने मैदान में आने वालों का पता लगाया गया तो प्रशिक्षण देने वालों की जानकारी मिली। उन्होंने प्रशासन के सहयोग से बाहरी प्रशिक्षण पर रोक लगा दी।
नेताओं से लगवा रहे सिफारिश: ट्रेनिंग देने वाला कर्मी रेलवे में नौकरी कर रहा है। उसके द्वारा सरकारी मैदान और सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। जब प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया तो व्यक्ति राजनेताओं के मार्फत दवाब बनाने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए कई भाजपा नेताओं से प्रशासन को फोन करवाकर अनुमति देने को कहा जा रहा है।
वर्जन..
यूनिवर्सिटी परिसर के मैदान में रमाकांत मिश्रा नाम का व्यक्ति बिना अनुमति लंबे समय से शारीरिक प्रशिक्षण दे रहा था। शिकायत मिलने पर उसे रोका गया है। उनके द्वारा यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों की बजाए बाहरी लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था इसके लिए फीस भी ली जाती है। ये नियमों के खिलाफ है।
विशाल बन्ने, सुरक्षा अधिकारी रादुविवि