नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। पुणे में बेलगाम कार की टक्कर से जान गंवाने वाले दो युवा साफ्टवेयर इंजीनियरों के माता-पिता ने इस दुर्घटना को दोहरा हत्याकांड मानकर केस चलाने के लिए आवाज उठाई है। साथ ही मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मध्यप्रदेश में कराने की मांग की है।
मृतकों के स्वजन ने कहा कि पीड़ित चूंकि मध्यप्रदेश के निवासी हैं, इसलिए मामले में आगे की सुनवाई यहीं होना चाहिए। आरोपित महाराष्ट्र का है। उसे पिता प्रभावशाली व्यक्ति हैं। स्वजन ने आरोपित के पिता के प्रभाव से कार्रवाई प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की है।
अश्विनी के पिता सुरेश कुमार कोष्टा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट को मामले की जांच और सुनवाई की निगरानी करनी चाहिए ताकि हमें न्याय मिले। कोष्टा ने कहा कि नाबालिक का कार चलाना अपराध है। उन्होंने आरोप लगाया कि नाबालिक कार चलाते समय नशे में था।
उसके घटना से पूर्व एक पब में दोस्तों के साथ होने के फुटेज मिले हैं। आरोपित ने गंभीर कृत्य किया। दो युवा प्रतिभाशील लोगों की असमय जान ली है। अपराध के गंभीर कृत्य को देखते हुए आरोपित पर वयस्क की तरह कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाना चाहिए।
अनीश के पिता ओमप्रकाश अवधिया ने आखिरी सांस तक न्याय के लिए लड़ने की बात कही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है। इतनी बड़ी घटना के बाद भी जब उसे थाने ले जाया गया तो वहां वीआइपी ट्रीटमेंट दिया गया। बेटे के हत्यारे को कड़ी सजा मिले यहीं चाहते है। इस मामले को दुर्घटना की जगह दोहरा हत्याकांड माना जाना चाहिए। न्याय सुनिश्चित करने के लिए मामले की सुनवाई पुणे में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में होनी चाहिए।
जबलपुर निवासी 19 वर्षीय अश्विनी कोष्टा और उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली निवासी 14 वर्षीय अनीश अवधिया की 19 मई को पुणे में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। दोनों साफ्टवेयर इंडस्ट्री में काम करते थे। वे रेस्टारेंट से खाना खाकर लौट रहे थे, तभी उनकी मोटरसाइकिल को एक तेज गति से आयीं पोर्शे कार ने टक्कर मारी।
टक्कर इतनी तेज थी कि दोनों साफ्टवेयर इंजीनियर को गंभीर चोट आने से मौके पर ही मौत हो गई। घटना के समय कार को एक 17 वर्षीय किशोर चला रहा था। घटना के बाद आरोपित को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करने पर, उसे 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए कहते हुए जमानत दी गई थी। बाद में समीक्षा याचिका में सुनवाई के बाद आरोपित नाबालिक को पांच जून तक अवलोकन गृह में भेज दिया गया। आरोपित के पिता को भी गिरफ्तार किया गया है।