नईदुनिया, जबलपुर (Jabalpur News)। रक्षा मंत्रालय के नए आदेश के बाद इन नियुक्तियों का फिर से रास्ता साफ हो गया है। इससे सबसे ज्यादा फायदा उन परिवार को होगा जो पिछले चार साल से अनुकंपा नियुक्ति की राह देख रहे थे। इस तरह जबलपुर की निर्माणियों में कुल 1001 पदों पर नियुक्तियां की जा सकेंगी। रक्षा मंत्रालय के इस फैसले से इन्हें अजीविका के रूप में बड़ी राहत मिली है।
महत्वपूर्ण है कि देश की सभी 41 आयुध निर्माणियों का संचालन पूर्व में आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड करता था और वही नीति निर्धारक का कार्य देखता था। अब से करीब चार साल पहले 2020-21 में केंद्र की अनुशंसा पर आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड को भंग कर निगमीकरण के तहत जबलपुर की चार सहित सभी 41 आर्डनेंस फैक्ट्रियों को सात इकाईयों में बांट दिया गया।
इकाइयों में फैक्ट्रियों के बंट जाने के बाद से अनुकंपा नियुक्तियों का सिलसिला थम गया था। इन चार सालों में 1001 ऐसी नियुक्तियां लंबित थीं, जो कि अनुकंपा की श्रेणी के अंतर्गत हैं। वैसे आर्डनेंस फैक्ट्रियों में अनुकंपा नियुक्तियों का प्रतिशत पांच फीसदी है, जो कि काफी कम है। वहीं रेलवे में अनुकंपा नियुक्तियों का प्रतिशत 100 है यानी शत प्रतिशत स्वजन के आश्रित को रोजगार का अवसर मिलता है।
देश के चार बड़े व सबसे पुराने आयुध संस्थान संस्कारधानी में हैं, जिनमें पिछले काफी समय से स्वजन रोजगार की आस में टकटकी लगाए बैठे थे। जीसीएफ, व्हीकल, ओएफजे और ओएफके में अब फिर से अनुकंपा नियुक्ति के द्वार खुलने से अनेक परिवार राहत महसूस कर रहे हैं। हालांकि अनुकंपा नियुक्तियों को लेकर अब फैक्ट्रियों को रक्षा मंत्रालय की गाइड लाइन का इंतजार है, जिसके तहत ही आदेश के परिपालन में पात्र आश्रित को इस श्रेणी में नियुक्ति मिल सकेगी।